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UP: अगर घर में रखी लिमिट से ज्यादा शराब तो लगेगा जुर्माना, जानिए क्या हैं योगी सरकार के नए नियम

Updated Jan 25, 2021 | 07:35 IST

उत्तर प्रदेश सरकार ने नई आबकारी नीति जारी की है जिसके तह अब घर में शराब रखने की एक लिमिट तय कर दी गई है। इसका उल्लंघन करने पर कार्रवाई हो सकती है।

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अगर घर में रखी लिमिट से ज्यादा शराब, तो होगी कार्रवाई
मुख्य बातें
  • उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जारी की नई आबकारी नीति
  • घर में लिमिट से ज्यादा शराब रखने पर आपको देना पड़ सकता है जुर्माना
  • अगर आप घर में तय मात्रा से ज्यादा शराब रखना चाहते हैं तो लेना पड़ेगा लाइसेंस

लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई आबकारी नीति के तहत के अहम फैसले लिए हैं। सबसे अहम फैसला लिया है घर में शराब रखने को लेकर, जिसके तहत यदि आप घर में लिमिट से अधिक शराब रखना चाहते हैं, या यूं कहें कि होम बार बनाना चाहते हैं तो इसके लिए आपको सरकार के आबकारी विभाग से अनुमति लेनी पड़ेगी और बकायदा फीस के रूप में शुल्क जमा कर लाइसेंस लेना होगा। यदि तय मात्रा से ज्यादा शराब घर पर बिना लाइसेंस के पाई जाती है तो फिर कार्रवाई की जाएगी।

क्या हैं सरकार की नई नीति की विशेषताएं
 इसके अलावा बार लाइसेंस जारी करने की प्रक्रिया को और सरल करते हुए ट्रेन और क्रूज में विदेशी शराब की बिक्री की अनुमति दे दी है। होम लाइसेंस के लिए ऐसे लोग ही योग्य होंगे जो पिछले पांच साल से इनकम टैक्स भरते आए हैं। एक नजर नई नीति पर-

  1. घर पर फुटकर सीमा से अधिक शराब रखने के लिए लाइसेंस लेना होना होगा जिसका प्रत्येक वर्ष का शुल्क 12000 रुपया होगा और 51 हजार रुपये आबकारी विभाग को बतौर सिक्योरिटी देनी होगी। 
  2. निर्धारित फीस का भुगतान करने पर पात्र आवेदखों को जिला कलेक्टर द्वारा व्यैक्तिक होम लाइसेंस एक वर्ष के लिए दिए जाएंगे। एक व्यक्ति को मूल निवास के लिए केवल एक ही लाइसेंस दिया जाएगा।
  3. होम लाइसेंस उसी को मिलेगा जो पिछले पांच साल से आयकर देता आ रहा है और इसके लिए उसे स्वप्रमाणित प्रति संलग्न करनी होगी। पांच साल में 3 साल तक आवेदक द्वारा न्यूनतम 20 फीसदी श्रेणी में आयकर का भुगतान किया गया होना चाहिए।
  4. आवदेक को शपथ पत्र में देना होगा कि वह किसी अनधिकृत या 21 साल से कम आयु के व्यक्ति को उक्स परिसर में प्रवेश से सुरक्षित रखेगा और कोई अवैध या अनाधिकृत मदिरा नहीं रखेगा।
  5. यदि कोई इन नियमों का उल्लंघन करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी और सिक्योरिटी के रूप में जमा की गई धनराशि को सरकार जब्त कर लेगी।

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि बार लाइसेंसों की स्वीकृति की पुरानी प्रक्रिया को सरल कर दिया गया है।  उन्होंने कहा कि आबकारी विभाग के वर्ष 2020-21 के 28,300 करोड़ रुपए की तुलना में साल 2021-22 में करीब 6 हजार करोड़ अधिक यानि 34,500 करोड़ रुपए के राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है।

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