- इन प्लांटों को लगाने के आदेश पहले ही जारी हुए थे, जिन्हें अब अमलीजामा पहनाया जा रहा
- नई तकनीकी पर आधारित प्लांट में हवा से ही बनेगा ऑक्सीजन, लिक्विड गैस की नहीं होगी आवश्यकता
- निजी संस्थानों में भी ऑक्सीजन प्लांट लगा रही सरकार, खर्च निजी संस्थानों के बिल में किया जाएगा एडजस्ट
लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही ऑक्सीजन की उपलब्धता को लेकर ठोस पहल की थी, जिस वजह से ऑक्सीजन को लेकर प्रदेश में आज वह हालात नहीं हैं, जो दूसरे प्रदेशों में हैं। प्रदेश में युद्ध स्तर पर 39 से अधिक जगहों पर ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। ऐसा नहीं है कि इन प्लांटों को लगाने के निर्देश अभी जारी किए गए हैं, बल्कि सीएम योगी के निर्देश पर इन प्लांटों को लगाने के आदेश पहले ही जारी हुए थे, जिन्हें अब अमलीजामा पहनाया जा रहा है। खास बात यह है कि यह सभी प्लांट नई तकनीक से हवा से ऑक्सीजन बनाएंगे।
टेकओवर वाले निजी अस्पतालों में लग रहे प्लांट
सीएम योगी उन निजी अस्पतालों में भी ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना करा रहे हैं, जिन्हें सरकार ने कोरोना के इलाज के लिए टेकओवर किया है। इसके लिए उन्होंने निर्देश दिए हैं कि ऐसे निजी संस्थानों में सरकार की ओर से ऑक्सीजन प्लांट स्थापित कर उसका खर्च निजी संस्थान के बिल में एडजस्ट किया जाए। सीएम योगी ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रदेश में जितने भी अस्पताल 100 बेड से ऊपर के हैं, उन सभी में ऑक्सीजन प्लांट जरूरी किया जाए। इस बाबत उन्होंने प्रदेश के 100 बेड से अधिक क्षमता वाले सभी अस्पतालों में ऑक्सीजन प्लांट लगाने की कार्यवाही तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया है।
प्लांट की स्थापना के लिए धनराशि जारी
सीएम योगी के निर्देश पर 21 नए स्थानों जिला चिकित्सालय फतेहपुर, जिला चिकित्सालय बलिया, जिला संयुक्त चिकित्सालय सिद्धार्थनगर, 200 बेडेड एमसीएच विंग कोंच, जिला संयुक्त चिकित्सालय बलरामपुर, यूएचएम जिला चिकित्सालय कानपुर नगर, डॉ. एसपीएम चिकित्सालय लखनऊ, जिला चिकित्सालय मिर्जापुर, संयुक्त चिकित्सालय चकिया चंदौली, जिला चिकित्सालय गाजीपुर, जिला चिकित्सालय जौनपुर, टीबी सप्रु चिकित्सालय प्रयागराज, 300 बेडेड कोविड चिकित्सालय बरेली, क्षयरोग सह सामान्य चिकित्सालय गोरखपुर, कांशीराम संयुक्त चिकित्सालय कानपुर नगर, एलबीआरएन संयुक्त चिकित्सालय कानपुर रोड लखनऊ, कोविड चिकित्सालय गौतमबुद्धनगर, जिला संयुक्त चिकित्सालय सोनभद्र, पंडित दीन दयाल चिकित्सालय वाराणसी में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। प्लांट की स्थापना के लिए शासन की ओर से धनराशि जारी की जा चुकी है।
निजी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने बताया कि प्रदेश में कुल 52 मेडिकल कॉलेज हैं, जिसमें 22 में ऑक्सीजन प्लांट स्थापित हैं। इसके अलावा सीएम योगी के निर्देश पर 18 स्थानों कानपुर, आगरा, झांसी, जालौन, बांदा, कन्नौज, आजमगढ़, शाहजहांपुर मेडिकल कॉलेज, डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान लखनऊ, सुपर स्पेशियलिटी कैंसर संस्थान लखनऊ, स्वशासी मेडिकल कॉलेज बस्ती, अयोध्या, बहराईच, फिरोजाबाद, सहारनपुर और अंबेडकरनगर आदि में ऑक्सीजन प्लांट लगाए जा रहे हैं। वह कहते हैं कि ये सभी प्लांट नई तकनीकी पर आधारित हैं और हवा से ही ऑक्सीजन बनेगा। इसके लिए लिक्विड गैस की आवश्यकता नहीं होगी। उनकी कोशिश निजी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में भी जल्द से जल्द ऑक्सीजन प्लांट लगाने की है।
गांव-गांव में लगेंगे ऑक्सीजन प्लांट
सीएम योगी के निर्देश पर अब वर्तमान आपात परिस्थितियों को देखते हुए 855 सीएचसी पर 488 करोड़ की लागत से ऑक्सीजन प्लांट लगाने की तैयारी है। इस धनराशि की प्रतिपूर्ति स्टेट डिजास्टर रीलिफ फंड से की जाएगी। इसके अलावा प्रदेश सरकार ने 50 ऑक्सीजन टैंकर की मांग केंद्र सरकार से की है। अस्पतालों में ऑक्सीजन की उपलब्धता बढ़ाने के प्रधानमंत्री के निर्देश के तहत, पीएम केयर्स फंड ने देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर 551 समर्पित पीएसए (प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन) चिकित्सा ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए धन आवंटन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। पीएम केयर्स फंड ने इस साल की शुरुआत में देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों पर अतिरिक्त 162 डेडिकेटेड प्रेशर स्विंग ऐड्सॉर्प्शन (पीएसए) मेडिकल ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र लगाने के लिए 201.58 करोड़ रुपये आवंटित किए थे। उतर प्रदेश में कुल 47 और उतराखंड में 7 जिलों में चिकित्सकीय आक्सीजन के इन संयंत्रो को लगाया जायेगा।