लाइव टीवी

UP में किरायेदारी कानून पर मुहर, अब सालाना सात प्रतिशत ही बढ़ेगा किराया

Updated Jan 09, 2021 | 10:02 IST

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने मकान मालिकों और किरायदारों के बीच विवाद कम करने के उद्देश्य से एक नए कानून पर मुहर लगा दी है। इसे मालिक और किरायदार दोनों के हितों से जोड़कर देखा जा रहा है।

Loading ...
UP में किरायेदारी कानून पर मुहर, अब सालाना 7% ही बढ़ेगा रेंट
मुख्य बातें
  • योगी सरकार ने बनाया उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021
  • नए कानून से मकान मालिक के साथ किरायेदार के हितों की भी रक्षा का दावा
  • किराए की संपत्ति में क्षति के लिए जिम्मेदार होगा किरायेदार

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ सरकार मकान मालिक और किरायेदारों के बीच विवाद कम करने के लिए उत्तर प्रदेश नगरीय किरायेदारी विनियमन अध्यादेश-2021 बनाया है। इसे शुक्रवार को योगी कैबिनेट ने मंजूरी भी दे दी। सरकार काफी समय से किरायेदार के बारे में नया कानून लाने की योजना बना रही थी, ताकि मकान मालिक के साथ किरायेदार के हितों की रक्षा की जा सके। 

मांगे थे सुझाव

आवास विभाग ने उत्तर प्रदेश अर्बन कॉम्प्लेक्स रेंटिंग रेग्यूलेशन अध्यादेश -2020 का मसौदा जारी किया था। नए किरायेदारी कानून के लिए जनता से सुझाव भी मांगे गए थे। आवास बंधु वेबसाइट पर 20 दिसंबर तक सुझाव मांगे गए थे। अब कानून को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी मिल गई है। किरायेदारी कानून के कार्यान्वयन के साथ, सरकार राज्य में एक किराया प्राधिकरण का गठन भी करेगी।

पहले बढ़ता था हर साल 10 फीसदी

किरायेदारी अध्यादेश में अनुबंध के आधार पर ही किराये पर मकान देने का प्रवधान है। मौजूदा समझौते के तहत, मालिक हर साल 10 प्रतिशत किराया बढ़ाता है, लेकिन नया कानून लागू होने के बाद, आवासीय संपत्तियों पर पांच प्रतिशत और गैर-आवासीय संपत्तियों पर सात प्रतिशत वार्षिक किराया बढ़ जाएगा। सिक्योरिटी डिपाजिट के नाम पर  आवासीय परिसर के लिए दो महीने से अधिक एडवांस नहीं ले सकेंगे जबकि गैर आवासीय परिसरों के लिए छह माह का एडवांस लिया जा सकेगा।

किराएदार के लिए भी प्रावधान

नए कानून के मुताबिक किरायेदार को रहने की जगह का ध्यान रखना अनिवार्य होगा। किरायेदार किराए की संपत्ति में क्षति के लिए जिम्मेदार होगा। कानून में यह भी प्रावधान होगा कि यदि किरायेदार दो महीने के लिए किराए का भुगतान करने में असमर्थ है, तो मकान मालिक उसे हटा सकता है। मकान मालिक को किरायेदार के विवरण को किराया प्राधिकरण को सूचित करना होगा।

उत्तर प्रदेश में वर्तमान में उत्तर प्रदेश शहरी भवन (किराये पर देने, किराया तथा बेदखली विनियमन) अधिनियम-1972 लागू है। यह कानून काफी पुराना हो चुका है। मकान मालिक और किराएदारों के बीच विवादों में इजाफे के बाद इस कानून को लाने की जरूरत महसूस हुई।

Lucknow News in Hindi (लखनऊ समाचार), Times now के हिंदी न्यूज़ वेबसाइट -Times Now Navbharat पर। साथ ही और भी Hindi News (हिंदी समाचार) के अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें।