लखनऊ : जनसंख्या की दृष्टि से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने वित्तीय वर्ष 2020-21 का बजट विधानसभा में पेश किया। लाल सूटकेस के साथ वित्त मंत्री सुरेश खन्ना के साथ विधानसभा पहुंचे और बजट पेश किया। यूपी विधानसभा में वर्ष 2020-21 के लिए 5,12,860.72 करोड़ रुपए का बजट पेश किया गया। बजट में 10,967.80 करोड़ रुपए की नई योजनाओं का प्रावधान है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार का यह चौथा बजट है।
वित्त मंत्री ने सुरेश खन्ना 5 लाख 12 हजार करोड़ का बजट पेश किया। ये यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट है। वित्त मंत्री का कहना है कि हमने जनता का दिल जीता है। हम चुनौतियों से निपट रहे हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि गन्ना किसानों के लिए सरकार ने तोहफा दिया है। शुगर मिलों के लिए बजट का प्रस्ताव, गन्ना की कीमत 325 रुपए प्रति क्विंटल करने का प्रस्ताव है।
बजट में किन-किन मद में कितने खर्च होंगे, नीचे देखें:-
- गंगा एक्सप्रेवे के लिए 2000 करोड़ रुपए
- ग्रामीण पेयजल के लिए 3000 करोड़
- प्रत्येक जिले में युवा हब के लिए 50 करोड़ रुपए
- काशी विश्वनाथ मंदिर के लिए 200 करोड़ रुपए
- 286 करोड़- आगरा मेट्रो, 358 करोड़- कानपुर मेट्रो और 200 करोड़ रुपए आगामी मेट्रो परियोजनाओं के लिए जिसमें गोरखपुर भी शामिल है
- पुलिस विभाग के आधुनिकीकरण के लिए 650 करोड़ रुपए
- 16 पुलिस स्टेशन साइबर अपराध को रोकने के लिए समर्पित
- जेवर एयरपोर्ट के लिए 2000 करोड़ रुपए
- अयोध्या एयरपोर्ट के लिए 500 करोड़ रुपए
- लखनऊ में एसजीपीजीआई के लिए 820 करोड़ रुपए
- कैंसर संस्थान की स्थापना के लिए 187 करोड़ रुपए
- लखनऊ मेडिकल कॉलेज के लिए 919 करोड़ रुपए
- सैफई पीजीआई के लिए 309 करोड़ रुपए
- ग्रामीण सड़कों के लिए 2305 करोड़ रुपए
- स्टेट राजमार्ग के लिए 1500 करोड़ रुपए
- वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट स्कीम के लिए 250 करोड़ रुपए
- अटल आवासीय विद्यालयों के लिए 270 करोड़ रुपए
- निराश्रित महिलाओं को पेंशन के लिए 1432 करोड़ रुपए, प्रति माह 500 रुपए दिए जाएंगे
हाल ही में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती के बीच आगामी वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए केंद्रीय बजट पेश किया था। निजी निवेश को बढ़ावा देने और लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को सहायता देने के लिए बिग बैंग सुधारों की अपेक्षा की गई थी।