- योगी कैबिनेट ने गंगा एक्सप्रेस वे के निर्माण को दी सैद्धांतिक मंजूरी
- उससे पहले समीक्षा बैठक में काम तेज करने के सीएम ने दिए निर्देश
- एक्सप्रेसवे के निकट बनेंगे इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और उद्योग
लखनऊ : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली राज्य मंत्रिपरिषद द्वारा गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना के क्रियान्वयन के प्रस्ताव के साथ ही अनुमानित लागत पर भी सैद्धांतिक अनुमति दे दी गई है। इसी के साथ यूपी के 11 जिलों से होकर गुजरने वाले गंगा एक्सप्रेस के धरातल पर उतरने की कवायद तेज हो गई है। 594 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे का निर्माण 36402 करोड़ रुपये से होगा। यह एक्सप्रेस-वे मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 334) पर बिजली ग्राम के पास से शुरू होगा और प्रयागराज जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो पर जुडापुर दादू गांव के पास मिलेगा।
उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस औद्योगिक विकास प्राधिकरण को इस परियोजना के लिए नोडल एजेंसी नामित किया गया है। गंगा एक्सप्रेस-वे मेरठ, गाजियाबाद, बुलन्दशहर, हापुड़, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज जनपद से गुजरेगा। इसके निर्माण से दिल्ली-प्रयागराज की सड़क मार्ग से यात्रा लगभग 6 घंटे में की जा सकेगी, जिसमें अभी 11-12 घंटे लगते हैं। ऐसे में इन जनपदों का चौतरफा विकास होगा। एक्सप्रेसवे के निकट इण्डस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, शिक्षण एवं प्रशिक्षण संस्थान, मेडिकल संस्थान आदि की स्थापना हेतु भी अवसर सुलभ होंगे।
जून 2021 में किया जाएगा शिलान्यास
यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि इस परियोजना की कुल संभावित लागत करीब ₹36,410 करोड़ आंकी गई है, जिसमें भूमि अधिग्रहण के लिए करीब ₹9,255 करोड़ अनुमानित है। जबकि 22,145 करोड़ रुपए सिविल निर्माण में खर्च होंगे। मार्ग में आने वाले सभी 11 जनपदों में ग्राम सभा के स्वामित्व की भूमि निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी। इस बारे में राजस्व विभाग की सहमति ले ली गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि गंगा एक्सप्रेसवे का शिलान्यास जून 2021 में किया जाएगा जिसका विस्तार आठ लेन तक होगा। तब तक भूमि अधिग्रहण का 90 प्रतिशत काम पूरा हो जाना चाहिए।
CM योगी बोले- मिशन मोड में हो काम
बुंदेलखंड और पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के सपने को जमीन पर उतार रही उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने अब 'गंगा एक्सप्रेस-वे के लिए युद्धस्तर पर तैयारी शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसके लिए यूपीडा सहित सभी संबंधित विभागों को 'मिशन मोड' में काम करने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि एक्सप्रेस-वे के लिए अगले 06 महीने में 90 फीसद तक जमीन अधिग्रहीत कर ली जाए। अगले साल जून मध्य में इसका शिलान्यास और बरसात के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाए।
जनवरी 2019 में योगी ने दी थी हरी झंडी
29 जनवरी 2019 को योगी आदित्यनाथ ने गंगा की धारा के साथ 'गंगा एक्सप्रेसवे' के निर्माण को हरी झंडी दी थी। दो फेस में बनने वाले इस एक्सप्रेस की लंबाई 1020 किलोमीटर होगी जोकि अपने आप में कीर्तिमान है। यह देश का सबसे लंबा एक्सप्रेस वे होगा। 602 किलोमीटर के पहले फेज में यह मेरठ से अमरोहा, बुलंदशहर, बदायूं, शाहजहांपुर, कन्नौज, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ होते हुए प्रयागराज पहुंचेगा। वहीं दूसरे फेस में एक सेक्शन 110 किलोमीटर का होगा जोकि गढ़मुक्तेश्वर से उत्तराखंड बॉर्डर तक और एक सेक्शन 314 किलोमीटर का होगा जोकि प्रयागराज को बलिया से जोड़ेगा।