- जेल में कैदियों की हिंसक घटनाएं समय समय पर सुनने को मिलती हैं
- कैदियों के नशे एवं उनकी गतिविधियों पर रखी जा सकेगी नजर
- इस पायलट प्रोजेक्ट को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दी है मंजूरी
लखनऊ : जेल में कैद अपराधियों की गतिविधियों की नजर रखने के लिए सरकार एक नया उपाय लागू करने जा रही है। यूपी की जेल कर्मी ड्यूटी के दौरान अब अपने शरीर पर बॉडी कैमरा लगाएंगे। इससे जेल के अंदर कैदियों की, हिंसक गतिविधियों, ड्रग की आदत, आत्महत्या की प्रवृत्ति और जेल सुरक्षा पर निगरानी रखी जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गुरुवार को इससे जुड़े एक पायलट प्रोजेक्ट को मंजूरी दे दी। यह व्यवस्था देश के चार राज्यों राजस्थान, तेलंगाना, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में लागू होने जा रही है।
राष्ट्रपति ने इस पायलट प्रोजेक्ट को दी मंजूरी
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक यूपी जेल के महानिदेश ऑफिस ने इस पायलट प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रपति ने उत्तर प्रदेश की जेलों के लिए 80 लाख रुपए की रकम की मंजूरी दी है। अब जेल कर्मी ड्यूटी के दौरान अपने शरीर पर कैमरा लगाएंगे। जेलकर्मियों एवं कैदियों की निजता से जुड़े डाटा बाहर न आने पाए इसे सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी जेल अधीक्षक पर होगी। समझा जाता है कि सरकार के इस कदम से जेल में कैदियों की हिंसक गतिविधियों पर करीब से नजर रखी जा सकेगी। जेल में कैदियों द्वारा नशे और आत्महत्या की बात भी सामने आती है। इस कदम से इन पर भी अंकुश लगेगा।
जेल में होगा कंट्रोल रूम
इस व्यवस्था को ठीक ढंग से चलाने के लिए सरकार की तरफ से बंदोबस्त किया जाएगा। बॉडी कैमरा तंत्र को सक्रिय रखने के लिए जेल में ही एक कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इस कंट्रोल रूम में रिकॉर्डिंग और स्टोरेज की व्यवस्था होगी। जेलों के वरिष्ठ अधिकारी इसके प्रभारी होंगे और उन्हीं की देख-रेख में यह व्यवस्था चलेगी। जेल में छापे पड़ने के दौरान कई बार कैदियों के पास से मोबाइल फोन बरामद होते हैं जो कि नियम के खिलाफ होता है। इसके अलावा जेल में कैदियों द्वारा नशा करने की घटनाएं भी सामने समय-समय पर आती हैं।