लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार चौरी चौरा शताब्दी समारोह को यादगार बनाने की तैयारी में है। सरकार ने तीन से चार फरवरी के बीच 'वंदे मातरम' गायन के 50 हजार वीडियो बनाकर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश जारी किया है। इस सिलसिले में बेसिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा विभाग को सरकार की तरफ से निर्देश जारी कर दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है कि चौरी-चौरा और स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों को नमन करते हुए सैल्यूट मुद्रा में वंदेमातरम् के पहले छंद का गायन कर वीडियो बनाना होगा। प्रधान सचिव मुकेश कुमार मेश्राम ने सभी मंडलायुक्तों एवं जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होगा नाम
वीडियो बनाने एवं अपलोड करने की पूरी प्रक्रिया की निगरानी गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के कर्मचारी करेंगे। इससे पहले एक साथ वीडियो अपलोड करने का गिनीज रिकॉर्ड चीन के नाम है। चीन में 25 दिसंबर 2019 को एक साथ 10,369 वीडियो अपलोड हुए थे। सरकार ने लोगों से सैल्यूट करते हुए 30 सेकेंड का वीडियो बनाने के लिए कहा गया है। निर्देश में कहा गया है कि गायन में शब्दों का उच्चारण स्पष्ट और वीडियो का बैकग्राउंड गरिमापूर्ण होना चाहिए। एक व्यक्ति वेबसाइट पर केवल एक ही वीडियो अपलोड कर सकता है। निर्देश में दो फरवरी को गायन एवं वीडियो बनाने का रिहर्सल करने की बात कही गई है। इस वीडियो को तीन फरवरी को सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक अपलोड किया जाएगा।
समारोह का पीएम करेंगे उद्घाटन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी आगामी चार फरवरी को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में आयोजित चौरी-चौरा शताब्दी समारोहों का वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उद्घाटन करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक इसी दिन चौरी-चौरा की घटना हुई थी जो आजादी की लड़ाई की ऐतिहासिक घटनाओं में एक है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी चौरी-चौरा शताब्दी समारोहों को समर्पित एक डाक टिकट जारी करेंगे। बयान के मुताबिक उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद रहेंगे।
4 फरवरी 1922 को चौरी चौरा में हुआ था संघर्ष
चौरी-चौरा शताब्दी समारोहों को मनाने का फैसला उत्तर प्रदेश सरकार ने लिया है। राज्य के सभी 75 जिलों में इस साल चार फरवरी से अगले साल चार फरवरी तक विभिन्न समाराहों का आयोजन किया जाएगा। चौरी चौरा गोरखपुर का एक गांव है। यहां 4 फरवरी, 1922 को स्थानीय पुलिस और राजनीतिक कार्यकर्ताओं के बीच अप्रत्याशित संघर्ष हुआ और फिर क्रोध से भरी हुई भीड़ ने चौरी-चौरा के थाने में आग लगा दी और 22 पुलिसकर्मियों को जिंदा जला दिया था। चौरी चौरा की इस घटना से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा चलाये गये 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' को आघात पहुंचा, जिसके कारण उन्हें इसे स्थागित करना पड़ा था।