- 10 जुलाई को मुठभेड़ में मार गिराया गया था विकास दुबे
- 2-3 जुलाई की रात बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हुई थी हत्या
- यूपी पुलिस ने विकास गैंग के सक्रिय सदस्यों का किया सफाया
लखनऊ। विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी सरकार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल कुछ लोगों की तरफ से एनकाउंट की न्यायिक जांच की मांग की गई थी। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने याचिका को खारिज कर दिया। बता दें कि विकास एनकाउंटर के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में चार अर्जियां लगाई गई हैं। आठ पुलिसकर्मियों के मारे जाने के संबंध में विकास दुबे मुख्य आरोपी था।
न्यायिक जांच की अर्जी खारिज,सरकार को राहत
अदालत के इस फैसले से यूपी पुलिस और एसटीएफ के अधिकारियों के लिए भी राहतभरी खबर है। बिकरु गांव से संबंधित सभी पहलुओं की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है जिसे 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट सौंपनी है। सरकार के साथ साथ यूपी पुलिस ने स्पष्ट कर दिया था कि विकास दुबे के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई हुई। नियमों के दायरे में उसके खिलाफ कार्रवाई हुई थी।
माया ने तलाशा था ब्राह्मण एंगल
विकास दुबे के मारे जाने के बाद समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी के साथ साथ कांग्रेस ने सवाल खड़े किए। बीएसपी चीफ मायावती ने तो बाकायदा ट्वीट किया कि विकास की आड़ में यूपी सरकार इस तरह के कदम उठा रही है जिससे ब्राह्मण समाज में भय व्याप्त हो गया है। सरकार को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जो दोषी है उसके खिलाफ कार्रवाई हो। लेकिन समाज के निर्दोष लोगों को परेशान न किया जाए।