- यलो फीवर का टीकाकरण चार महीने बाद शुरू हो गया है।
- आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ सप्ताह में तीन दिन लगवाया जा सकता है।
- दिसंबर 2021 से ही येलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो रही थी।
Lucknow News: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) में पीला बुखार यानी यलो वैक्सीन की आपूर्ति चार माह बाद एक बार फिर शुरू हो गई है। कोरोनावायरस की आरटीपीसीआर रिपोर्ट के साथ इसे सप्ताह में तीन दिन लगवाया जा सकता है। वैक्सीनेशन के लिए अपना मूल पासपोर्ट, उसकी फोटोकाॅपी और तीन दिन के भीतर की कोविड की आरटीपीसीआर जांच रिपोर्ट लाना अनिवार्य है। केजीएमयू के कम्युनिटी मेडिसिन विभाग में दिसंबर 2021 से ही येलो फीवर वैक्सीन की आपूर्ति नहीं हो रही थी। इसकी वजह से उत्तर प्रदेश के साथ-साथ बिहार, झारखंड, उत्तराखंड और नेपाल से वैक्सीन के लिए आने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था।
केजीएमयू की कम्युनिटी मेडिसिन विभाग की डा. मोनिका अग्रवाल के अनुसार, के विश्वविद्यालय में वैक्सीन की आपूर्ति शुरू हो गई है। एक से साठ वर्ष तक के लोगों को सोमवार, गुरुवार और शनिवार को सुबह 8 बजे से वैक्सीन लगाई जा सकेगी।
वैक्सीन के लिए भरपेट नाश्ता करके जाएं
केजीएमयू में येलो फीवर की वैक्सीन के पूर्व इंचार्ज प्रो. जमाल मसूद ने बताया कि, दक्षिणी अमेरिका के 13 देश और अफ्रीका महाद्वीप के 33 देशों में नौकरी या पढ़ाई करने जा रहे लोगों के लिए यह टीकाकरण अनिवार्य होता है। देश के 44 केंद्रों में से एक केजीएमयू में उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और उत्तराखंड और नेपाल से येलो फीवर वैक्सीन लगवाने के लिए प्रतिमाह लगभग 400 लोग आते हैं। वैक्सीन लगाने से पहले भरपेट नाश्ता करके जाएं। टीकाकरण के बाद डाक्टर उन्हें दो घंटे अनिवार्य रूप से अवलोकन के लिए रखते हैं। इस दौरान परेशानी होने पर चिकित्सक को बताएं।
क्या है पीला बुखार
पीला बुखार एक तीव्र वायरल रक्तस्रावी रोग है। यह एडीज और हीमोगोगस प्रजातियों के संक्रमित मच्छरों द्वारा फैलता है। यह वायरस अफ्रीका और मध्य और दक्षिण अमेरिका के उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में स्थानिक है। वर्तमान में कोई विशिष्ट एंटी-वायरल दवा नहीं है। इसके 10 में से सात रोगी जीवित नहीं रह पाते हैं। इस वायरस से बचने का एकमात्र उपाय वैक्सीन ही है।
इन देशों में जाने के लिए जरूरी है येलो फीवर का टीकारण
अफ्रीका के देश: अंगोला, बेनिन, बुर्किना फासो, बुरुंडी, कैमरून, सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक, चाड, कांगो, कोट डिवायर, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक आफ कांगो, इक्विटोरियल गिनी, इथोपिया, गेबोन, गांबिया, घाना, गिनी, गिनी बिसायु, केन्या, लाइबेरिया, माली, मारिटानिया, नाइजर, नाइजीरिया, सेनेगल, सिएरा लियोन, सूडान, साउथ सूडान, टोगो, युगांडा और दक्षिणी अमेरिका के देश : अर्जेंटीना, बोलीविया, ब्राजील, कोलंबिया, इक्वाडोर, फ्रेंच गिनी, गुयाना, पनामा, पराग्वे, पेरु, सुरीनाम, त्रिनिदाद एंड टोबैगो और वेनेजुएला है।