- पिछड़ा वर्ग सम्मेलन के जरिए योगी आदित्यनाथ का संदेश, दंगा करने वालों की सात पीढ़ियों को भरना पड़ेगा मुआवजा
- बिना नाम लिए अखिलेश यादव पर निशाना, 2017 से पहले विकास का अर्थ सिर्फ एक परिवार का विकास था
- पिछले चार वर्षों नें मौजूदा सरकार ने कई महत्वपूर्ण काम किये, सबका साथ, सबका विकास ही मूल मंत्र बना
यूपी विधानसभा चुनाव 2022 से पहले राजनीतिक दल एक दूसरे खसरा खतौनी जनता के सामने पेश कर रहे हैं। लखनऊ में पिछड़ा वर्ग सम्मेलन में सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताया कि कैसे 2017 से पहले प्रदेश का माहौल क्या था और इन चार वर्षों में क्या कुछ बदला है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की नीतियों की वजह से समाज के उन वर्गों का खास तौर से पिछड़ा समाज से आने वाले लोगों की तरक्की हुई। उन्होंने अपने संबोधन में गोरखपुर के प्रजापति समाज का जिक्र किया। इसके साथ यह भी कहा कि किस तरह से इन चार वर्षों में प्रदेश दंगामुक्त रहा है। उन्होंने संदेश दिया कि जो लोग इस दंगा के जरिए सांप्रदायिक माहौल को खराब करने की कोशिश करेंगे उनके साथ किस तरह का सलूक किया जाएगा।
जो दंगा करेगा उसकी सात पीढ़ियां मुआवजा भरेंगी
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बीजेपी शासन की सबसे बड़ी खासियत यह रही है कि किसी भी पर्व पर सांप्रदायिक सौहार्द नहीं खराब हुआ। प्रदेश में दंगा नहीं हुआ। उन्होंने कहा अगर किसी ने राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को खराब करने की कोशिश की तो उसकी सात पीढ़ियां मुआवजा भरेंगी। उन्होंने कहा कि समाज के सभी वर्गो का समान कल्याण ही सरकार का मकसद है।
2017 से पहले विकास का मतलब एक परिवार का विकास
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि जब आप निजी स्वार्थ के लिए सत्ता को साधन के तौर पर इस्तेमाल करते हैं तो नतीजे 2017 से पहले की सरकार वाले दिखते हैं। 2017 से पहले क्या था। खास लोगों का विकास, खास इलाके का विकास। लेकिन उससे प्रदेश का कितना नुकसान हुआ है हर किसी को पता है। उन्होंने अयोध्या में दीपोत्सव का जिक्र करते हुए गोरखपुर के प्रजापति समाज की जानकारी दी। उनके मुताबिक प्रजापति समाज से जुड़े शख्स ने बताया कि दीपोत्सव कार्यक्रम का सबसे बड़ा फायदा यह हुआ कि जो व्यक्ति कुछ सैंकड़े रुपए कमाता था उसकी कमाई हजारों में पहुंच गई और उसकी बानगी यह थी कि वो शख्स उन्हें दीप स्टैंड गिफ्ट देने के लिए केडी मार्ग आया था जिसकी कीमत 25 हजार रुपए थी।