- यूपी में चीनी कंपनियों को सीधे तौर पर टेंडर पर रोक
- केंद्र सरकार की अनुमति से पहले टेंडर प्रक्रिया में नहीं ले सकेंगी हिस्सा
- हर तीन महीने के अंतराल पर केंद्र सरकार को भेजी जाएगी रिपोर्ट
नई दिल्ली। भारत-चीन सीमा पर तनाव के बीच यूपी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इन सबके बीच यूपी सरकार ने बड़ा फैसला किया है। अब चीन की कोई भी कंपनी सीधे उत्तर प्रदेश के किसी सरकारी प्रोजेक्ट में टेंडर नहीं डाल पाएंगी। राज्य सरकार ने अपने सभी विभागों को इस प्रतिबंध को लागू करने का आदेश जारी किया गया है। आदेश में स्पष्ट किया गया है कि सरकारी खरीद में चीन समेत कुछ निश्चित देशों के बिडर्स और कंपनियों के शामिल होने पर रोक लगाई गई है।
अलग अलग विभागों को दी गई जानकारी
सरकार की ओर से विभागों को इस बारे में पत्र के जरिए विस्तार से जानकारी दी गई है। इस मामले में सरकार प्राधिकरण का गठन करेगी, जिसमें संबंधित देशों की कंपनियों को पंजीकरण कराना होगा। यहां रजिस्ट्रेशन से पहले इन कंपनियों को रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय से राजनीतिक अनुमति और गृह मंत्रालय से सुरक्षा संबंधी अनुमति लेनी होगी। केंद्र की अनुमति के बाद पंजीकरण होगा और उसके बाद हर तीन महीने के अंतराल पर राज्य की ओर से एक रिपोर्ट कंपनी को लेकर केंद्र को भेजी जाएगी।
यूपी सरकार ने पहले भी उठाए थे सख्त कदम
इससे पहले भी राज्य सरकार ने कुछ चीनी कंपनियों का टेंडर रद्द कर दिया था।यूपी सरकार के साथ साथ भारत सरकार ने भी रेलवे और अन्य अहम क्षेत्रों में चीनी कंपनियों पर रोक लगाई थी। केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बड़े रोड प्रोजेक्ट में भी चीन की एंट्री रोक दी थी। सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि चीन की चालबाजी को किसी भी सूरत में कामयाब नहीं होने दिया जाएगा।