- रायबरेली में वाहन चोर गैंग का पर्दाफाश
- साढ़े तीन करोड़ की 29 चोरी की कार बरामद, दो बेची गई कारों की तलाश
- चोर गैंग के छह सदस्यों गिरफ्तार, बाकियों की तलाश में जुटी पुलिस
Car Thief Gang: यूपी के रायबरेली जिले में गुरुवार को स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) टीम और जिले की पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल की है। एसओजी की टीम और पुलिस ने कार चोर गैंग का पर्दाफाश किया है। टीम ने गैंग के पास से 31 चोरी की कार, 6 नबंर प्लेट और 1 हजार 3 सौ 73 चिप लगे स्मार्ट कार्ड बरामद किए हैं, इनके अलावा कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस भी बरामद की है। बरामद कारों की कीमत करीब 3.30 करोड़ आंकी गई है। पुलिस ने गैंग के छह सदस्यों को भी गिरफ्तार किया है। इसी गैंग के दो सदस्य जेल में भी बंद हैं।
रायबरेली में एसपी दफ्तर में पुलिस अधिकारियों ने गुरुवार को वारदात का खुलासा किया है। पुलिस अधीक्षक आलोक प्रियदर्शी ने कहा कि पकड़े गए आरोपियों ने चोरी की बात स्वीकार की है। दो कार आरोपियों ने किसी को बेच दी।
फर्जी कागजात तैयार कर बेच देते थे कार
पुलिस बेची हुई दोनों कार की पड़ताल कर रही है। जल्दी ही उन कारों को भी बरामद कर लिया जाएगा। एसपी ने बताया कि आरोपी रायबरेली, प्रतापगढ़ और जौनपुर समेत अन्य जिलों से कार चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। राजधानी लखनऊ में मुलायम तिराहे के पास अंकित श्रीवास्तव का टॉप ऑटोमेटिक के नाम का गैरेज है। गिरोह यहीं चोरी की कारों को रखते थे। यहीं पर चेचिस नंबर की टेंपरिंग करते थे। सत्यम बाजपेयी और श्याम किशोर बाजपेयी चोरी के वाहनों की चेचिस नंबर की टेंपरिंग करते थे, यही दोनों नंबर प्लेट भी बदलते थे। फर्जी कागजात तैयार कर इन कारों को बेच देते थे। गिरोह के सदस्य अलग-अलग जगहों पर काम करते थे। बचत की रकम को मेहनत के हिसाब से बांटते थे।
रेकी के बाद चोरी करते थे कार
वाहन गिरोह के सदस्यों की निशानदेही पर रायबरेली के गोरा बाजार मैदान के पीछे से सभी कार बरामद की गई हैं। पुलिस ने गिरोह के सदस्य राजीव कुमार सिंह उर्फ ओम सिंह, प्रिंस मिश्रा, अब्बास, संतोष कुमार, नूरूल अंसार और कमालू को गिरफ्तार किया है। यह शातिर पहले रेकी करते थे, फिर कारों की डुप्लीकेट चाबी तैयार कराकर चोरी की वारदात को अंजाम देते थे। अभी गैंग के छह सदस्य फरार हैं। इन्हें पकड़ने के लिए टीम लगी है। एसपी आलोक प्रियदर्शी और अपर पुलिस अधीक्षक विश्वजीत श्रीवास्तव ने वाहन चोरियों का खुलासा करते हुए कहा कि कारें एनसीआर के दिल्ली, गुरुग्राम और उसके आसपास से चोरी की गई हैं। लखनऊ से भी कई गाड़ी चोरी की गई हैं। यह गिरोह गाड़ियों के दस्तावेज एआररटीओ ऑफिस के कर्मचारियों से मिलीभगत कर बनवाते थे।