यूपी पंचायत चुनाव के नतीजों में अलग अलग रंग दिखाई दे रहा है। जिला पंचायत सदस्य नतीजों में सभी दलों के दिग्गज नेताओं के सगे संबंधियों को हार का सामना करना पड़ा है। सपा के कद्दावर नेता और नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी के बेटे अपनी सीट नहीं बचा पाए।आयोग के प्रवक्ता के अनुसार प्रदेश के सभी जिलों में 112358 सदस्य ग्राम पंचायत 16510 प्रधान 35812 ग्राम पंचायत एवं क्षेत्र पंचायत सदस्य निर्वाचित घोषित किए गए हैं।
उत्तर प्रदेश में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता और राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे सहित अनेक सूरमाओं के रिश्तेदारों को पराजय का सामना करना पड़ा है।आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, सपा के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी के बेटे रंजीत चौधरी जिला पंचायत के वार्ड संख्या 16 से पराजित हो गए हैं। वह तीसरे स्थान पर रहे। भाजपा के बिल्थरारोड क्षेत्र के विधायक धनन्जय कन्नौजिया की मां सर्यकुमारी देवी नगरा क्षेत्र पंचायत के वार्ड संख्या 19 से चुनाव हार गई हैं।
इसके अलावा भाजपा के पूर्व सांसद हरिनारायण राजभर के बेटे अटल राजभर जिला पंचायत के वार्ड संख्या 24 से, सपा नेता व पूर्व मंत्री शारदा नन्द अंचल के पौत्र विनय प्रकाश अंचल जिला पंचायत के वार्ड संख्या 27 से तथा भाजपा के गोरक्षनाथ प्रांत के क्षेत्रीय उपाध्यक्ष देवेंद्र यादव जिला पंचायत के वार्ड संख्या 10 से चुनाव हार गए हैं।
भाजपा नेता व पूर्व सांसद बब्बन राजभर के भाई लल्लन राजभर सीयर क्षेत्र पंचायत के गजियापुर ग्राम पंचायत से प्रधान पद का तथा भाजपा सांसद नीरज शेखर के निकट सम्बन्धी आलोक सिंह सीयर क्षेत्र पंचायत के मझौवा से क्षेत्र पंचायत सदस्य का चुनाव हार गए हैं। अलबत्ता बसपा नेता एवं पूर्व मंत्री अम्बिका चौधरी के पुत्र आनन्द चौधरी जिला पंचायत के वार्ड संख्या 44 से चुनाव जीत गये हैं।गौरतलब है कि पिछले महीने चार चरणों में हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों की मतगणना दो मई को की गयी थी।
यूपी पंचायत चुनाव के ताजा आंकड़ों के मुताबिक जिला पंचायत की कुल 3050 सीटों के रूझानों और नतीजों में बीजेपी आगे निकल गई है। बीजेपी जहां 491 सीटों पर आगे है,वहीं समाजवादी पार्टी 364 और बीएसपी 130 सीटों पर आगे है, अगर बात कांग्रेस की करें तो उससे जुड़े हुए लोग 50 सीटों पर आगे हैं, वहीं निर्दलीय और बागी 499 सीटों पर आगे हैं।