- सावन माह के मध्य मोहर्रम पड़ने के कारण संवेदनशीलता में बढ़ोत्तरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता
- सर्कुलर के एक हिस्से की भाषा को लेकर शिया समुदाय में नाराजगी है
- मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है
नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) पुलिस डीजीपी ने मुहर्रम को लेकर गाइडलाइन (Muharram guideline) जारी कर दी हैं, कोरोना मामलों को देखते हुए इस बार जिलो में मुहर्रम जुलूस की अनुमति नहीं दी गई है, डीजीपी ने कहा है कि कोरोना महामारी संक्रमण को लेकर गृह मंत्रालय भारत सरकार और न्यायालय के आदेशों को देखते हुए किसी प्रकार के जुलूस ताजिया की अनुमति न दी जाए साथ ही उन्होंने कहा है कि धर्म गुरूओं से संवाद स्थापित कर कोविड के दिशा निर्देशों का अनुपालन कराया जाए।
जारी सर्कुलर में कहा गया है कि मुख्य चिकित्साधिकारी से संपर्क स्थापित कर किसी भी इमरजेंसी के लिए सभी सरकारी अस्पतालों को तैयार रखने, डाक्टरों और पैरा मेडिकल स्टाफ की ड्यूटी राउंड द क्लॉक लगवाने के निर्देश दिए हैं वहीं महिलाओं की सुरक्षा के लिए कहा है कि सादी वर्दी में महिला और पुरुष पुलिस कर्मियों की ड्यूटी लगाई जाए।
"असामाजिक और सांप्रदायिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए"
डीजीपी कार्यालय से मुहर्रम को लेकर जारी दिशा निर्देश में कहा गया कि कुछ असामाजिक तत्व जानवरों की पीठ पर और पतंगों पर ऐसी बातें लिखकर उड़ाते हैं, जिन पर सुन्नी समुदाय को ऐतराज होता है इसको लेकर अमन बिगड़ने की आशंका जताई गई है। डीजीपी की ओर से कहा गया है कि सावन माह के मध्य मोहर्रम पड़ने के कारण संवेदनशीलता में बढ़ोत्तरी होने से इंकार नहीं किया जा सकता। ऐसे में विशेष सतर्कता की जरूरत है। उन्होंने कहा है कि असामाजिक और सांप्रदायिक तत्वों पर कड़ी नजर रखी जाए और कहीं कोई गड़बड़ी न हो, साथ ही डीजीपी ने निर्देश दिया है कि संदेवदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा बंदोबस्त किए जाएं।
सर्कुलर की भाषा को लेकर शिया समुदाय में नाराजगी
वहीं इस सर्कुलर के एक हिस्से की भाषा को लेकर शिया समुदाय में नाराजगी है मौलाना कल्बे सिब्तैन नूरी ने कहा कि पुलिस प्रशासन की गाइडलाइन से शिया समुदाय के धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है उन्होंने कहा कि मोहर्रम व शिया समुदाय पर सीधे तौर पर बेबुनियाद इल्जाम लगाए गये हैं। उन्होंने गाइडलाइन के ड्राफ्ट को बदलने की मांग की है जबकि पुलिस ने साफ किया है कि सर्कुलर में कोई अजीब सी बात नहीं है।
यूपी पुलिस का सर्कुलर वापस लेने से इनकार
वहीं एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने कहा- पुलिस को अलर्ट करने के लिए ये रूटीन इंटरनल अलर्ट है, यह एक नियमित आंतरिक परिपत्र (routine internal circular) है।