मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास 25 फरवरी को विस्फोटकों से भरे स्कॉर्पियो की बरामदगी और इसके बाद वाहन मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में सनसनीखेज आरोप सामने आ रहे हैं। मुंबई पुलिस के कमिश्नर रहे परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर संगीन आरोप लगाए हैं, जिस पर अब उन्होंने जवाब दिया है।
अनिल देशमुख ने ट्वीट कर परमबीर सिंह के आरोपों को सिरे से खारिज किया और कहा कि इस मामले में वह मानहानिक का केस करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि चूंकि मामले में परमबीर सिंह खुद फंस रहे हैं, इसलिए वह उन पर गलत आरोप लगा रहे हैं। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने गलत आरोप लगाए हैं, ताकि खुद को बचा सकें। सच तो यह है कि मुकेश अंबानी और मनसुख हिरेन केस में सचिन वाजे की भूमिका को लेकर जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इससे मिस्टर सिंह के भी तार जुड़े होने की बात सामने आ रही है।'
'यह ध्यान भटकाने की साजिश'
अनिल देशमुख ने इस संबंध में एक बयान भी जारी किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर उन्हें ऐसी कोई सूचना थी, जिसका आरोप उन्होंने अब लगाया है तो इसके बारे में पहले खुलासा क्यों नहीं किया था? सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद इतने दिनों तक वह चुप क्यों थे? अगर वह दावा कर रहे हैं कि वाजे ने उन्हें जनवरी में ही यह जानकारी दी थी, तो उन्होंने इसे जाहिर क्यों नहीं किया? मामले को 'ध्यान भटकाने की साजिश' करार देते हुए देशमुख ने सीएम उद्धव ठाकरे से अपील की कि वह पूरे मामले की निष्पक्ष व स्वतंत्र जांच कराएं।
अपने बयान में उन्होंने परबीर सिंह और सचिन वाजे के करीबी रिश्ते का भी जिक्र किया और कहा कि वह परबीर सिंह ही थे, जिन्होंने वाझे को जून 2020 में 16 साल के निलंबन के बार फिर से सेवा में बहाल किया था। परमबीर सिंह के आरोपों को 'झूठ' करार देते हुए उन्होंने कहा कि वह उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर करेंगे।
क्या हैं आरोप?
यहां उल्लेखनीय है कि मामले में सचिन वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया तो 17 मार्च को मुंबई पुलिस में कई बड़े बदलाव किए गए, जिसके तहत परमबीर सिंह को होमगार्ड का डीजी बनाया गया, जबकि हेमंत नगराले को मुंबई पुलिस का आयुक्त बनाया गया। पूरे मामले की जांच एनआईए कर रही है। परमबीर सिंह को जब हटाया गया तो शिवसेना ने इसे 'रूटीन ट्रांसफर' कहा, लेकिन गृहमंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि कुछ गंभीर गलतियां हुईं जिसके बाद उन्हें हटाया गया और अब परमबीर सिंह द्वारा सीएम उद्धव ठाकरे को पत्र लिखे जाने की बात सामने आई है।
सीएम को लिखे पत्र में 'एक्टार्शन' (जबरन वसूली) शब्द का इस्तेमाल हुआ है। गृहमंत्री अनिल देशमुख पर 'वसूली रैकेट' चलाने का आरोप लगाते हुए इसमें कहा गया है कि इसकी जिम्मेदारी सचिन वाजे को दी गई थी। उसे बार, रेस्टोरेंट और दूसके प्रतिष्ठानों से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली का लक्ष्य दिया गया था। इसमें पुलिस अधिकारियों की मदद ली जाती थी। गृहमंत्री पर लगे इन आरोपों से राज्य में सियासी गहमाहमी भी तेज हो गई है। बीजेपी ने देशमुख का इस्तीफा मांगा है तो गृह मंत्री ने खुद पर लगे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है।