मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास 'एंटीलिया' के पास विस्फोटकों से भरे स्कॉर्पियो की बरामदगी और फिर वाहन मालिक मनसुख हिरेन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत को लेकर गहराते रहस्य के बीच मुंबई पुलिस में बड़ा फेरबदल हुआ है। हिरेन की पत्नी ने मुंबई पुलिस क्राइम ब्रांच के अधिकारी रहे सचिन वाजे पर पति की हत्या में संलिप्तता के आरोप लगाए तो बीजेपी पूरे मामले में शिवसेना पर हमलावर दिख रही है। मामले में वाजे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया तो बुधवार को मुंबई पुलिस में कई बड़े बदलाव किए गए।
मुंबई पुलिस में बुधवार (17 मार्च) को जो फेरबदल हुए हैं, उसके तहत हेमंत नगराले अब मुंबई पुलिस के नए आयुक्त हैं, जबकि इससे पहले तक यह जिम्मेदारी संभाल रहे परमबीर सिंह को होमगार्ड का डीजी बनाया गया है। वाजे मुंबई पुलिस में रहते हुए परमबीर सिंह को ही रिपोर्ट करते थे और जून 2020 में कोरोना वायरस संक्रमण के दौरान कम पुलिसकर्मियों का हवाला देते हुए 16 साल के निलंबन के बाद जब उनकी बहाली हुई थी तो इसमें परमबीर सिंह की अहम भूमिका थी। बात करें मुंबई पुलिस के नए कमिश्नर की तो अपने करियर में वह कई पदक और सम्मान से नवाजे जा चुके हैं।
कौन हैं हेमंत नगराले?
वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी हेमंत नगराले अपने करियर में कई पदक और सम्मान हासिल कर चुके हैं। उन्हें राष्ट्रपति का पुलिस मेडल, विशेष सेवा मेडल और आंतरिक सुरक्षा मेडल भी हासिल हुआ है। गोल्फ और टेनिस खेलने में रुचि रखने वाले नगराले 26 नवंबर, 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के दौरान अपनी जान जोखिम में डालकर कई लोगों की जान बचाने के लिए भी जाने जाते हैं। उस वक्त वह महाराष्ट्र स्टेट इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (MSEDCL) में सतर्कता के निदेशक के रूप में प्रतिनियुक्ति पर थे और कोलाबा पुलिस क्वार्टर में रहते थे।
आतंकियों ने कोलाबा क्षेत्र को भी निशाना बनाया था। एक पुलिस अधिकारी के मुताबिक, आतंकियों ने जब हमला किया था, नगराले अपने निवास से बाहर निकले और दूसरों की मदद के लिए खुद आगे आए। वह होटल ताज के पास पहुंचे थे, जहां आतंकियों ने हमला किया था। पास में ही उन्हें आरडीएक्स से भरा एक बैग मिला, जिसके बाद उन्होंने तुरंत उसे वहां से हटाकर दूर रख दिया। इस तरह उन्होंने कई लोगों की जान बचाई, जो इसकी चपेट में आकर अपनी जान गंवा सकते थे। बाद में और बम निरोधक दस्ते को बुलाया गया और आरडीएसक्स को निष्क्रिय किया गया।
वर्ष 1987 बैच के अधिकारी नगराले बाद में चार अन्य पुलिसकर्मियों के साथ होटल ताज पहुंचे, जहां उन्होंने घायलों को बचाने और उन्हें अस्पताल भेजने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने कई शवों को भी बाहर निकाला।
कई जिम्मेदारी निभा चुके हैं नगराले
नगराले डेप्यूटेशन पर रहते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) से भी जुड़े रहे और कई महत्वपूर्ण मामलों की जांच की, जिनमें हर्षद मेहता, केतन पारेख और माधवपुरा कोआपरेटिव घोटाले प्रमुख हैं। उन्होंने 2003 में अब्दुल करीम तेलगी के नकली स्टाम्प पेपर मामले की जांच में भी सहयोग किया। वह मुंबई पुलिस के संयुक्त आयुक्त रह चुके हैं और इस पद पर रहते हुए उन्होंने पुलिस के लिए साफ- सुथरी आवास नीति को लागू किया तो आवास के आवंटन में पारदर्शिता को भी बढ़ावा दिया। 2014 में उन्हें कुछ समय के लिए मुंबई पुलिस कमिश्नर की अतिरिक्त जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी।
महाराष्ट्र के चंद्रपुर से ताल्लुक रखने वाले नगराले का भारतीय पुलिस सेवा में करियर करीब तीन दशकों का है और इस दौरान वह विभिन्न पदों पर रहते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके हैं। चंद्रपुर के जिला परिषद स्कूल से प्राथमिक शिक्षा लेने के बाद उन्होंने उच्च स्कूली शिक्षा नागपुर से पूरी की और फिर यही से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक करने के बाद मुंबई से वित्त प्रबंधन में मास्टर्स डिग्री हासिल की। उनकी पहली पोस्टिंग चंद्रपुर जिले के राजुरा में बतौर अपर पुलिस अधीक्षक (SSP) हुई थी।