- ख्वाजा युनूस की कथित हत्या मामले में वाजे और तीन कॉन्स्टेबल निलंबित हुए
- युनूस मामले में कोर्ट ने वाजे के खिलाफ की थी प्रतिकूल टिप्पणी
- 2004 में निलंबित हुए थे वाजे, साल 2020 में फिर दोबारा बहाल हुए
मुंबई : उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के समीप विस्फोटक से भरे वाहन बरामद होने के मामले में पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे सुर्खियों में हैं। मामले की जांच कर रही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के नाम से मशहूर वाजे को गिरफ्तार किया है। यह मामला काफी पेचीदा हो गया है। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने मामले में बड़ी साजिश का आरोप लगाया है। फड़णवीस का कहना है कि जब तक मनसुख हिरेन का कथित हत्यारा पकड़ा नहीं जाता तब तक इस केस से परदा नहीं उठ पाएगा। जांच में जुटी एनआईए मामले के तह में पहुंचने में लगी है।
16 बाद निलंबन के बाद वाजे की हुई वापसी
फिलहाल बात करते हैं कि इंस्पेक्टर वाजे की। वाजे का विवादों से पुराना नाता रहा है। मुंबई पुलिस में उनकी बहाली 16 साल बाद हुई है। उन्हें 2004 में निलंबित कर दिया गया। मुंबई में लॉकडाउन के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने वाजे की फाइल की समीक्षा की और इसके बाद जून 2020 में उनकी बहाली कर दी गई। वाजे के खिलाफ एक कोर्ट ने प्रतिकूल टिप्पणियां की थीं जो उनके निलंबन का कारण बनीं। टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक पांच जून 2020 को हुई एक बैठक में वाजे के निलंबन का फैसला वापस लिया गया।
समिति ने निलंबित पुलिसकर्मियों के फाइल की समीक्षा की
रिपोर्ट के मुताबिक इस समिति की अध्यक्षता तत्कालीन मुख्य सचिव अजॉय मेहता ने की। इस समिति में पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह और अन्य शामिल थे। समिति ने पुलिस हिरासत में ख्वाजा युनूस की कथित हत्या मामले सहित अन्य केस की पड़ताल करते हुएनिलंबित पुलिसकर्मियों की फाइल की समीक्षा की। इसके बाद वाजे का निलंबन वापस लिया गया। यनूस मामले में वाजे और तीन कॉन्स्टेबल निलंबित हुए थे।
निलंबन के दौरान अन्य गतिविधियां करते रहे वाजे
मुंबई पुलिस में 'एनकाउंटर स्पेशलिस्ट' के नाम से मशहूर वाजे 2004 से 2020 तक निलंबित रहे। इन्होंने साल 2007 में पुलिस से इस्तीफा दे दिया और एक साल बाद शिवसेना में शामिल हो गए। इसके बाद वह न्यूज चैनलों पर होने वाली राजनीतिक बहसों में शरीक होते रहे। वाजे इस दौरान अपराध एवं आतंक पर लिखीं जाने वाली किताबों में अपना योगदान देते रहे। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोर्टल भी चलाया। चूंकि युनूस के लापता होने से जुड़ा एक आपराधिक मामले कोर्ट में लंबित था इसलिए पुलिस ने वाजे के खिलाफ कोई अन्य कार्रवाई नहीं की।
फड़णवीस ने बहाल करने से मना कर दिया
वाजे के निलंबन का केस पिछली सरकार में भी उठा था लेकिन युनूस केस में कोर्ट की टिप्पणियों को देखते हुए पूर्व की सरकार ने वाजे का निलंबन वापस नहीं लिया। पूर्व मुख्यमंत्री फड़णवीस का कहना है, 'जब मैं राज्य का मुख्यमंत्री एवं गृह मंत्री था तो शिवसेना के कुछ नेता मेरे पास आए थे....इस पर मैंने एडवोकेट जनरल की राय ली। मुझे बताया गया कि बॉम्बे हाई कोर्ट के निर्देश के बाद वाजे का निलंबन हुआ। ऐसे में उसे बहाल करना गलत होगा...ऐसा करने पर अदालत की अवमानना हो सकती थी।' समिति ने वाजे को बहाल करने के पीछे मुंबई में महामारी संकट के दौरान पुलिस की कमी का हवाला दिया।
एंटीलिया मामले में वाजे की भूमिका पर उठे सवाल
एंटीलिया मामले में वाजे की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। हिरेन की पत्नी ने इस पुलिस इंस्पेक्टर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। एक बार फिर सवालों के घेरे में आए वाजे को मुंबई पुलिस ने सोमवार को निलंबित कर दिया। मुंबई पुलिस ने यह कदम एनआईए द्वारा उन्हें गिरफ्तार किए जाने के बाद उठाया। वाजे (49) को ‘मुठभेड़’ में 63 कथित अपराधियों को मार गिराने का श्रेय दिया जाता है। उन पर ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरेन की कथित हत्या को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। अंबानी के घर के पास मिली स्कॉर्पियों एसयूवी कार हिरेन की ही थी और पांच मार्च को ठाणे जिले में वह मृत मिले थे।