मुंबई : औरंगाबाद का नाम बदले जाने पर जारी विवाद के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बड़ा बयान दिया है। उद्धव ने शुक्रवार को कहा कि औरंगजेब सेक्युलर नहीं था और इसलिए वह सेक्युलर एजेंडे में फिट नहीं बैठता है। उद्धव ने कहा कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। जिस बात को शिवसेना सुप्रीमो वर्षों से कहते आए थे वही बात उन्होंने कही है। शिवसेना औरंगाबाद का नाम बदलकर सम्भाजीनगर करना चाहती है लेकिन सरकार में शामिल कांग्रेस का रुख उससे अलग है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री एवं कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण का कहना है कि ओरंगाबाद शहर का नाम बदलने का मुद्दा सरकार की प्राथमिकता में नहीं है। इस बारे में केवल चर्चा चल रही है अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
औरंगाबाद हवाई अड्डे का नाम बदलने की मांग
सीएम उद्धव ने औरंगाबाद हवाईअड्डे का नाम बदलकर छत्रपति संभाजी महाराज हवाईअड्डा रखने की मांग की है। इसके लिए उन्होंने नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को चिट्ठी लिखकर अधिसूचना जारी करने का अनुरोध किया है। औरंगबाद का नाम बदलने की दिशा शिवसेना जहां आगे बढ़ती दिख रही है वहीं, कांग्रेस उससे अलग रुख रखती नजर आ रही है। उद्धव ठाकरे के इस बयान के बाद दोनों पार्टियों के बीच टकराव बढ़ सकता है।
पिछले दिनों शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में एक लेख लिखा था। इस लेख में उसने कहा कि वह जल्दी ही औरंगाबाद का नाम बदलकर सम्भाजीनगर करने जा रही है।
मलिक अंबर ने कराया औरंगाबाद शहर का निर्माण
औरंगाबाद शहर का निर्माण 1610 में निजामशाही वशंज के मलिक अंबर ने किया। बाद में मुगल शासक औरंगजेब इस शहर को अपनी राजधानी बनाया। अपनी मौत तक औरंगाबाद तक रहने वाले औरंगजेब ने छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र सम्भाजी महाराज को यातनाएं देकर उनकी हत्या की। 1980 के दशक में शिवसेना का विस्तार मुंबई-ठाणे क्षेत्र के बाहर होने लगा। औरंगाबाद के निकाय चुनाव में शिवसेना सत्ता में आई। मई 1988 में शिवसेना सुप्रीमो बाला साहेब ठाकरे ने इस शहर का नामकरण सम्भाजी नगर करने की घोषणा की।
नाम बदलने के लिए शिवसेना ने प्रस्ताव पारित किया
इसके बाद से शिवसेना का पूरा जौर औरंगाबाद का नाम सम्भाजीनगर करने पर रहा है। साल 1995 में औरंगाबाद नगर निगम ने औरंगाबाद का नाम बदलकर सम्भाजी नगर करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया।