- बीजेपी और आरपीआई को मिलकर बीएमसी का चुनाव लड़ना चाहिए
- पिछले चुनाव में बीजेपी और आरपीआई गठबंधन ने किया था बेहतर प्रदर्शन
- शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के अलग अलग चुनाव लड़ने की संभावना
केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि मुझे लगता है कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी बीएमसी चुनाव में स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ेंगे। ऐसे में अगर बीजेपी आरपीआई के साथ गठबंधन के तहत चुनाव लड़ती है, तो हमारे सत्ता में आने की पूरी संभावना है। पिछली बार भी बीजेपी-आरपीआई गठबंधन को 82 सीटें मिली थीं और शिवसेना ने 84 सीटें जीती थीं। मैं मेयर पद के बारे में नहीं बोलूंगा लेकिन जब हम सत्ता में आएंगे (बीएमसी चुनावों में), तो मुंबई में डिप्टी मेयर आरपीआई से होंगे।
बालासाहेब अम्बेडकर के नेतृत्व में काम के लिए तैयार
रामदास अठावले ने मुंबई में कहा कि मैं बालासाहेब अम्बेडकर (बाबासाहेब अम्बेडकर के पोते प्रकाश अम्बेडकर) के नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हूँ और मैं यह पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं।आरपीआई के कई गुट हैं और यह समाज के हाशिए के वर्गों को विभाजित कर रहा है। मैंने कई मौकों पर आरपीआई के सभी गुटों को एकजुट करने की कोशिश की, यहां तक कि किसी और को आरपीआई अध्यक्ष बनाने की पेशकश की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
मुंबई की राजनीति में बीएमसी चुनाव अहम
बीएमसी चुनाव को मुंबई की राजनीति में अहम माना जाता है। परंपरागत तौर पर बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा रहा है। शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन टेस्टेड रहा है। जानकार बताते हैं कि पिछले चुनाव में बीजेपी ने जिस तरह से शिवसेना को टक्कर दी थी उसके बाद बड़े पैमाने पर बदलाव आए थे। अगर आरपीआई और बीजेपी एक बैनर के नीचे आकर चुनाव लड़ते हैं तो निश्चित तौर पर शिवसेना की राह आसान नहीं होगी। अगर शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस एक साथ मिलकर चुनाव लड़ते हैं तो तस्वीर कुछ और हो सकती है।