- गणेश प्रतिमाओं को कृत्रिम झीलों में विसर्जित करना अनिवार्य
- प्रदूषण कम करने लिए लिया गया फैसला
- मुंबई के प्रत्येक वार्ड में 3 से 4 कृत्रिम तालाबों की होगी व्यवस्था
Mumbai News: बृहन्मुंबई नगर निगम ने घर में लाए गए प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी गणेश प्रतिमाओं को कृत्रिम तालाबों में विसर्जित करना अनिवार्य कर दिया है। बीएमसी का कहना है की मुंबईवासियों को प्रदूषण कम करने को प्रेरित करने के लिए ये निर्णय लिया जा रहा है। बता दें कि बीएमसी के इस फैसले के बाद बीएमसी कृत्रिम झीलों की संख्या बढ़ाकर 100 करने की योजना बना रही है। इस कवायद से किसी भी तरह की असुविधा से बचा जा सकेगा।
बता दें कि मुंबई में गणपति महोत्सव जल्द शुरू होने वाला है। मुंबई वासियों के लिए यह सबसे बड़े त्यौहार की तरह होता है। इस दौरान अनगिनत गणेश प्रतिमाएं स्थापित की जाती हैं, और कुछ दिनों बाद उनका विसर्जन कर दिया जाता है। बीएमसी इस बार गणपति विसर्जन को लेकर पहले से तैयार है।
मुंबई के सभी वार्डों की समीक्षा का निर्देश
मिली जानकारी के अनुसार बीएमसी के सहायक आयुक्त ने मुंबई के सभी 24 वार्डों की समीक्षा करने के लिए कहा है। साथ ही प्रत्येक वार्ड में तीन से चार कृत्रिम तालाबों की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि इससे पहले बीएमसी ने इस साल पीओपी की मूर्तियों पर प्रतिबंध लगा दिया था, लेकिन बाद में उस नोटिस को वापस ले लिया गया था।
गणेश प्रतिमाओं को लेकर जानिए दिशा-निर्देश
जानकारी के लिए बता दें कि नगर निकाय ने 2023 में गणपति उत्सव के दौरान मुंबई में पीओपी की मूर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा, इस वर्ष के लिए, उन्होंने भक्तों के लिए प्रतिमाओं पर "पीओपी" लिखना अनिवार्य कर दिया है। जिससे विसर्जन के दौरान पीओपी की मुर्तियों की पहचान की जा सके। बता दें कि इसके अलावा बीएमसी ने यह भी आग्रह किया है कि घरेलू मूर्तियां दो फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए और सार्वजनिक पंडालों की मूर्तियों की ऊंचाई यथासंभव जितनी कम हो सके उतनी होनी चाहिए। ज्ञात हो कि इसके अलावा, शहर में गणेश पंडाल बनाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के माध्यम से ऑनलाइन अनुमति प्रदान की जाएगी।