- आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह जांच में सहयोग के लिए मुंबई पहुंचे
- मुंबई की एक अदालत ने परमबीर सिंह को किया है भगोड़ा घोषित
- सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से संरक्षण प्रदान किया है
मुंबई: पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह (Param Bir Singh) करीब सात महीने बाद मुंबई पहुंच गए हैं। गोरेगांव कथित रंगदारी मामले में जांच में शामिल होने के लिए परम बीर सिंह कांदिवली में क्राइम ब्रांच यूनिट 11 के दफ्तर पहुंच गए हैं। 100 करोड़ की वसूली के मामले में कोर्ट ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर रखा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने परमबीर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी। चंडीगढ़ से मुंबई पहुंचे परमबीर सिंह ने कहा कि वह जांच में पूरा सहयोग करेंगे और उन्हें अदालत पर पूरा भरोसा है।
कोर्ट ने कही थी ये बात
आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह को उनके खिलाफ महाराष्ट्र में चल रहे मामलों में गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान कर दी और उन्हें जांच में शामिल होने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा, 'आश्चर्य है कि एक आम आदमी का क्या होगा। मामला अजीब और अनोखा हो गया है.. पहले गृह मंत्री और फिर पुलिस आयुक्त।'
वसूली का है मामला
आपको बता दें कि परमबीर सिंह के खिलाफ वसूली का मामला दर्ज है। मामले में मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे की गिरफ्तारी के बाद सिंह को मार्च 2021 में मुंबई पुलिस आयुक्त पद से हटाकर होम गार्ड्स का महानिदेशक नियुक्त किया था। सिंह ने महाराष्ट्र के तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे जिसके बाद देशमुख को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा था। बाद में सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ केस दर्ज किया था।
मई के बाद से ही भूमिगत हैं परमबीर सिंह
चार मई 2021 को परमबीर सिंह अंतिम बार ऑफिस आए थे और उसके बाद स्वास्थ्य कारणों से छुट्टी पर चले गए थे। पुलिस ने 20 अक्टूबर को बताया कि सिंह का कोई अता-पता नहीं है। इससे पहले, परमबीर सिंह ने एक हलफनामे में जांच आयोग को बताया था कि उनके पास 100 करोड़ की वसूली के मामले में साझा करने के लिए कोई और सबूत नहीं है।