- अनिल देशमुख इस समय जेल में हैं
- वसूली मामले में परमबीर सिंह भगोड़ा घोषित हैं, 30 दिन के अंदर अदालत ने सरेंडर करने का समय दिया है
- सचिव वझे के खुलासे के बाद इन दोनों लोगों पर शिकंजा कसा
मुंबई में जब एंटीलिया का मामला सुर्खियों में था तो किसी को नहीं पता था कि आगे क्या क्या होने वाला है। उस केस की जांच पड़ताल जब आगे बढ़ी तो सनसनीखेज जानकारियां सामने आने लगीं। उस केस की जांच में पता चला कि सचिन वझे नाम का एपीआई तत्कालीन मुंबई पुलिस कमिश्नर रहे परमबीर सिंह की सरपरस्ती में वसूली रैकेट चलाता है जिसके तार कहीं ना कहीं तत्कालीन गृह मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े जोकि इस समय जेल में हैं। इस विषय पर एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने चुप्पी तोड़ी और कहा कि बीजेपी से एक एक हिसाब करेंगे।
बीेजेपी पर साधा निशाना
एनसीपी प्रमुख शरद पवारपरमबीर सिंह आरोप लगाकर फरार है। अनिल देशमुख के खिलाफ उनके पास कोई सबूत नहीं है। अनिल देशमुख का हिसाब किताब बीजेपी से लेंगे।परमबीर सिंह भगोड़ा हैं अगर उनके पास सबूत है तो पेश क्यों नहीं किया।मुंबई के पूर्व सीपी (परम बीर सिंह), उन पर (पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख) आरोप लगाने के बाद फरार हो गए हैं और उन्हें साबित करने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं। आपने (भाजपा ने) अनिल देशमुख को जेल में डाल दिया, आपने उनके साथ जो कुछ भी किया, उसकी कीमत आपको चुकानी पड़ेगी।
कहां हैं परमबीर सिंह
बता दें कि वसूली कांड के मामले में परमबीर सिंह फरार है। महाराष्ट्र में विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि उन्हें भगा दिया गया है। परमबीर सिंह केस में अदालत ने सरेंडर के लिए उन्हें 30 दिन का समय दिया है, अगर 30 दिनों में वो अदालत के सामने पेश नहीं होते हैं तो उनकी संपत्ति जब्त हो जाएगी। बता दें कि सचिन वझे ने जब वसूली कांड में परमबीर सिंह की तरफ इशारा किया तो परमबीर सिंह ने कहा कि वसूली कांड, अनिल देशमुख के इशारे पर होती थी। परमबीर सिंह के इस खुलासे के बाद बीजेपी की तरफ से दबाव बढ़ा और अनिल देशमुख को इस्तीफा देना पड़ा।