- सोमवार से ऑटो-टैक्सी की रहेगी शहर में हड़ताल
- ऑटो-रिक्शा यूनियन भी हो सकता है हड़ताल में शामिल
- किराया वृद्धि में देरी से नाराज है यूनियन
Mumbai Auto-Taxi Strike: मुंबई में लोकल ट्रेनें यहां के निवासियों की लाइफलाइन मानी गई हैं। इसी तरह मुंबई की सड़कों पर फर्राटा भरने वाली काली-पीली टैक्सियां और ऑटो भी काफी अहम माने जाते है। बता दें कि, मुंबई में सोमवार से ऑटो-टैक्सी की रफ्तार थमने वाली है। इनसे आने-जाने वालों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। जानकारी के अनुसार, सबसे बड़ी मुंबई की टैक्सी यूनियन ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का आह्नान किया है। इसमें ऑटो-रिक्शा यूनियनों के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है।
आरोप है कि, सरकार के रवैये से यूनियन काफी नाराज है। इससे आम जनता को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। यूनियन की हड़ताल कब तक रहेगी यह सरकार की प्रतिक्रिया पर निर्भर करता है।
सार्वजनिक परिवहन पर पड़ेगा असर
मिली जानकारी के अनुसार, इस संबंध में मुंबई टैक्सीमैन के केंद्रीय महासचीव ए एल क्वाड्रोस ने आरोप है कि, हाल ही में बार-बार आश्वासन देने के बाद भी सरकार ने किराया वृद्धि की घोषणा में देरी की है। अब हमारे पास सड़कों पर विरोध जताने और कुछ ऑटो यूनियनों का समर्थन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है। बता दें कि, ऑटो और टैक्सियों की हड़ताल सड़कों पर सार्वजनिक परिवहन को भी पंगु बना सकती है। विशेष तौर से फीडर मार्गों पर, और रेलवे स्टेशनों पर और हवाई अड्डों पर टैक्सी और ऑटो ना मिल पाने के कारण लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ जाएगा।
पुणे के ऑटो चालकों की तरह किराए में वृद्धि की मांग
बता दें कि मुंबई रिक्शामैन यूनियन के थंपी कुरियन ने इस मामले पर कहा है कि, पुणे के ऑटो चालकों को हाल ही में बढ़ोतरी मिली है। सरकार हमें बढ़ोतरी देने में देरी किस कारण कर रही है, जबकि रहने की लागत और ईंधन की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। पिछले एक साल में सीएनजी की कीमतों में 30 रुपये प्रति किलो से अधिक की बढ़ोतरी कर दी गई थी, और यह ड्राइवरों के लिए एक बहुत बड़ा झटका था। बहरहाल ऑटो-टैक्सी यूनियनों के हड़ताल से आम जनता परेशान होगी।