मुंबई : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 3,700 करोड़ रुपये के कथित यस बैंक धोखाधड़ी मामले की जांच करते हुए कहा है कि राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर 16 कंपनियों की मालकिन हैं। ईडी द्वारा 13 जुलाई को मुंबई में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत में दायर किए पूरक आरोपपत्र (चार्जशीट) में यह खुलासा हुआ है, जिसमें 11 अन्य आरोपियों के नाम भी शामिल हैं। ईडी ने दावा किया कि राणा कपूर ही वह व्यक्ति हैं, जो कंपनी के मामलों को संभालते थे और उन्हें अंतिम निर्णय लेने का अधिकार था।
ईडी ने कहा कि अजीता पोदार राणा कपूर की एक समूह कंपनी डीओआईटी वेंचर (आई) प्राइवेट लिमिटेड की उपाध्यक्ष थीं, जिसे पहले डीओआईटी एंटरप्राइजेज (आई) प्राइवेट लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। ईडी ने कहा कि अजीता पोदार ने अपने बयान में कहा था कि कंपनी समूह की कंपनियों के साथ समन्वय में थी, लेकिन उन्हें कंपनी की वास्तविक व्यावसायिक गतिविधियों के बारे में जानकारी नहीं है।
ईडी ने अपने आरोपपत्र में कहा है कि पोदार को राणा कपूर के कार्यकारी सचिव द्वारा फरवरी-मार्च 2018 में सूचित किया गया था कि सीईओ चाहते हैं कि उन्हें कुछ कंपनियों का निदेशक बनाया जाए। ईडी ने कहा, और एक कर्मचारी के तौर पर उनके पास सहमत होने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।
ईडी ने दावा किया कि पोदार को राणा कपूर की 16 कंपनियों में निदेशक बनाया गया। इन कंपनियों में ब्लिस एग्री एंड इकोटूरिज्म प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस अपार्टमेंट मुंबई प्राइवेट लिमिटेड, रब आर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन हैबिटेट प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन रेजिडेंस प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन एस्टेट प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन रियल्टी प्राइवेट लिमिटेड, इमेज प्रॉपर्टी प्राइवेट लिमिटेड, इमेजिन होम प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस हैबिटेट प्राइवेट लिमिटेड, रब एंटरप्राइजेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस होम प्राइवेट लिमिटेड, मॉर्गन एक्जिम प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस हाउस प्राइवेट लिमिटेड, ब्लिस विला (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड और ब्लिस अबोड प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं।
पोदार ने ईडी को यह भी बताया कि बिंदु कपूर इन कंपनियों के दूसरी निदेशक हैं और इन 16 कंपनियों की मालिक हैं। यह पता चला है कि बिंदु कपूर इन कंपनियों के मालिक थीं, लेकिन व्यवसाय से संबंधित सभी निर्देश राणा कपूर की ओर से ही दिए जाते थे। ईडी ने कहा कि पोदार ने यह भी कहा कि उसे कभी भी कोई अतिरिक्त पारिश्रमिक नहीं दिया गया और कभी भी 16 कंपनियों के निदेशक होने के लिए कोई सुविधा नहीं दी गई।
ईडी ने दावा किया कि पोदार ने कभी भी 16 कंपनियों की बोर्ड बैठक में भाग नहीं लिया और कभी भी कोई औपचारिक बोर्ड बैठक नहीं हुई। ईडी ने इस मामले में इस साल सात मार्च को केंद्रीय जांच ब्यूरो की एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था। इस मामले में कपूर, उनकी पत्नी और बेटियों, वधावन भाइयों और पांच फर्मों सहित 12 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
वधावन बंधुओं को 26 अप्रैल को महाराष्ट्र के महाबलेश्वर हिल स्टेशन से सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। इसके अलावा उन्हें मई महीने में ईडी ने भी गिरफ्तार किया था।