- पाकिस्तान के नंबर से आया था संदेश
- मुंबई हमलों को दोहराने का जिक्र
- जांच में जुटी मुंबई पुलिस
मुंबई पुलिस के ट्रैफिक कंट्रोल को धमकी मिली है जिसमें बड़े आतंकी हमले का जिक्र किया गया है। व्हाट्सऐपर भेजे संदेश में 26/11 जैसा हमाल करने की धमकी दी गई है। मुंबई पुलिस जांच में जुट गई है। बताया जा रहा है कि जिस नंबर से धमकी दी गई है उसका कनेक्शन पाकिस्तान से है। अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के मैसेज पहले भी आते रहे हैं। लेकिन पुलिस गहराई से जांच पड़ताल कर रही है कि कहीं यह किसी सिरफिरे की तरफ से तो नहीं किया गया है। इस तरह के मैसेज के बाद पुलिस अलर्ट है और किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार है। प्रारंभिक तौर पर जिस नंबर से धमकी भरा संदेश आया है वो पाकिस्तान का नंबर है लिहाजा उसे गंभीरता से लिया जा रहा है।
एजेंसियों को भी दी गई जानकारी
मुंबई पुलिस का कहना है कि इस संबंध में एजेंसियों को भी जानकारी दी गई है। इस मामले की सभी एंगल से जांच की जा रही है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिर इस तरह की धमकी के पीछे कौन लोग हो सकते हैं। पुलिस का कहना है कि बहुत जल्द तह तक पहुंचे जाएंगे। बता दें कि अभी हाल ही में जह रायगढ़ जिले में लावारिश बोट से हथियारों की बरामदगी हुई थी तो एटीएस चीफ ने आतंकी संभावना से इनकार नहीं किया था। हालांकि बाद में डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने बताया था कि बोट किसकी और कहां से आई थी।
2008 में हुआ था मुंबई हमला
2008 के मुंबई हमले को 26/11 भी कहा जाता है। नवंबर 2008 में हुए आतंकवादी हमलों की एक श्रृंखला थी जब पाकिस्तान के एक इस्लामवादी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए- तैयबा ने पूरे मुंबई में चार दिनों आतंक का नंगा खेल खेला। बुधवार 26 नवंबर को शुरू हुआ और शनिवार 29 नवंबर 2008 तक चला। नौ हमलावरों सहित कुल 175 लोग मारे गए, और 300 से अधिक घायल हुए थे। आठ हमले दक्षिण मुंबई में हुए थे। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस और टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस मेट्रो सिनेमा और टाइम्स ऑफ इंडिया की इमारत और सेंट जेवियर्स कॉलेज के पीछे की एक गली में। मुंबई के बंदरगाह क्षेत्र के मझगांव में और विले पार्ले की एक टैक्सी में भी विस्फोट हुआ था। 28 नवंबर की सुबह तक, ताज होटल को छोड़कर सभी स्थलों को मुंबई पुलिस और सुरक्षा बलों ने सुरक्षित कर लिया था। 29 नवंबर को, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) ने शेष हमलावरों को बाहर निकालने के लिए ऑपरेशन ब्लैक टॉरनेडो चलाया गया था।