मुंबई : देशभर में त्योहारी सीजन को देखते हुए सरकारों की ओर से लगातार नए दिशा-निर्देश जारी किए जा रहे हैं। कोरोना वायरस संक्रमण महामारी को देखते हुए यह और भी जरूरी हो गया है। त्योहारों के दौरान लोगों के आम तौर पर एक साथ जुटने से संक्रमण के मामलों में एक बार फिर इजाफा होने का डर है, जिसे देखते हुए नवरात्रि और दशहरे को लेकर महाराष्ट्र में ताजा दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत डांडिया और गरबा के आयोजन पर रोक लगा दी गई है।
नवरात्रि 7 अक्टूबर से शुरू हो रही है, जबकि दशहरा इस बार 15 अक्टूबर को है। इस दौरान समारोहों के आयोजन को देखते हुए महाराष्ट्र सरकार ने राज्य में गरबा, डांडिया पर रोक लगा दी है। कोरोना वायरस संक्रमण महामारी के बीच यह लगातार दूसरी बार है, जब राज्य में नवरात्रि के दौरान डांडिया और गरबा के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है। बीते साल भी यहां कोविड-19 के कारण नवरात्रि के दौरान गरबा और डांडिया का आयोजन नहीं हुआ था।
मूर्तियों की ऊंचाई भी तय
नवरात्रि व दशहरे को लेकर राज्य सरकार ने कई अन्य दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जिसमें मूर्तियों की अधिकतम ऊंचाई भी तय कर दी गई है। इसके मुताबिक, सार्वजनिक पंडालों में चार फीट से अधिक ऊंची मूर्ति नहीं लगाई जाएगी तो घरों में दो फुट से अधिक ऊंची मूर्ति की स्थापना नहीं होगी। दुर्गा पूजा के दौरान पंडालों में 5 से अधिक कार्यकारियों की उपस्थिति पर भी बैन है, जबकि दशहरे के दिन रावण दहन के दौरान भी भीड़ एकत्र होने पर रोक लगाई गई है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से जारी दिशा-निर्देशों के मुताबिक, नवरात्रि के दौरान मंडप तैयार करने से पहले नगरपालिका से अनुमति लेनी होगी। इसके लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया भी शुरू की गई है। पंडालों में जिन मूर्तियों की स्थापना की जाएंगी, वे 'प्लास्टर ऑफ पेरिस' से न बनी हों, बल्कि ये शाडू मिट्टी की लाई जाएं। सजावट के लिए भी ऐसी चीज का इस्तेमाल न हो, जो पर्यावरण के प्रतिकूल है।