- महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के केस में बढ़ोतरी
- महाराष्ट्र के कई शहरों में ऐहतियातन पाबंदियां की गई कड़ी
- मुंबई में मास्क ना लगाने वालों से वसूला जा रहा है जुर्माना
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह अब राज्य के लोगों को फैसला करना होगा कि क्या उन्हें लॉकडाउन में रहना है या उस तरह की स्थिति से दूर रहना है तो उसके पीछे ठोस वजह है। महाराष्ट्र में जिस तरह से कोरोना के मामले में तेजी आई है वो डराने वाली है। मुंबई में एक तरफ तेजी से केस बढ़े हैं तो राज्य के दूसरे शहरों नागपुर, पुणे, अमरावती, अकोला, यवतमाल में ऐहतियात के तौर पर कड़ाई की जा रही है। मुंबई में तो उन लोगों से जुर्माना भी वसूला जा रहा है।
कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर महाराष्ट्र में में सोमवार से सभी राजनीतिक, धार्मिक और सामाजिक जमावड़े पर रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सीएम उद्धठ ठाकरे ने कहा कि राजनीतिक आंदोलन को अगले कुछ दिनों के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि उसमें भीड़ एकत्रित होती है।
कर्नाटक सरकार ने अब महाराष्ट्र से कर्नाटक में जाने वाले लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है। अब उन्हीं लोगों को कर्नाटक में दाखिला मिलेगा जिनकी रिपोर्ट निगेटिव होगी। कोगनोली टोल प्लाजा पर कर्नाटक सरकार के कर्मचारी महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने वाले तमाम मुसाफिरों की चेकिंग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र की तरह केरल सरकार ने भी सख्त कदम उठाया है। ज्यादा जरूरी होने पर ही किसी भी व्यक्ति को रात 10 बजे के बाद राज्य में यात्रा करने की अनुमति दी जाएगी। राज्य सरकार ने फिर से लॉकडाउन लगाने की बात से इनकार किया है। 25000 से अधिक अधिकारियों को केरल में निगरानी के लिए तैनात किया गया है।
ओडिशा सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को लेकर आंशिक प्रतिबंधों को फिर से लागू किया है। इसके साथ ही आम लोगों से कोरोना गाइड लाइंस का पालन करने की अपील की गई है। नवीन पटनायक सरकार का कहना है कि कोरोना से तभी निपटा जा सकेगा जब लोग सरकार के उपायों के साथ चलेंगे। अगर ऐसा नहीं होता है तो तरह तरह की मुश्किलें आ जाएंगी और कठोर फैसले लेने पर सरकार को बाध्य होना पड़ेगा।