- 11+1 अंकों के आधार पर डिजिटव एड्रेस कोड बनाया जाएगा।
- घर, फ्लैट, प्लोर, ऑफिस आदि का डिजिटल एड्रेस कोड बनेगा।
- इसके तहत पूरे देश में 100 करोड़ के करीब डिजिटल एड्रेस कोड तैयार हो सकेंगे।
नई दिल्ली: नए साल में आपको, अपने घर का नया एड्रेस मिल सकता है। सरकार जल्द ही हर घर का डिजिटल कोड तैयार कर सकती है। जो कि 11+1 अंकों के आधार पर होगा। इसके लिए डिपॉर्टमेंट ऑफ पोस्ट ने जरूरी कंसल्टेशन प्रक्रिया पूरी कर ली है। और अब उसे लागू करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। ऐसा होने के बाद न केवल फ्रॉड रुकेगा, बल्कि ई-केवाईसी प्रक्रिया भी आसान हो सकेगी। साथ ही सरकार के लिए प्रॉप्रटी की पहचान के साथ-साथ अपनी सेवाएं देना भी आसान हो जाएगा।
क्या है डिजिटल एड्रेस कोड?
नई योजना के तहत प्रत्येक घर, फ्लैट और फ्लोर के लिए डिजिटल यूनीक कोड बनाया जाएगा। डिजिटल एड्रेस कोड सभी पतों के लिए अलग-अलग यूनीक कोड के रूप में काम करेगा। इसके अलावा कॉरपोरेट ऑफिस और सरकारी ऑफिस का भी डिजिटल एड्रेस कोड होगा । जो कि ई-पते के रुप में काम करेगा। इसके तहत 11 डिजिट+1 चेक डिजिट, यानी कुल 12 डिजिट का डिजिटल एड्रेस कोड जारी करने की तैयारी है।
क्या मिलेगा फायदा
डिपॉर्टमेंट ऑफ पोस्ट के प्रस्ताव के अनुसार डिजिटल एड्रेस कोर्ड जियोस्पेशल कोऑर्डिनेट्स से लिंक होगा। जिससे पते का ऑनलाइन अथेन्टिकेशन हो सकेगा। इसके तहत हर घर, फ्लैट और फ्लोर का डिजिटल कोड बनाया जाएगा। ऐसा होने से डिलवरी सर्विसेज, सरकारी योजनाओं की पहुंच और ई-कॉमर्स क्षेत्र में डिलिवरी आसान हो जाएगी। इसके लिए केवाईसी वैरिफिकेशन भी हो सकेगा। साथ ही प्रॉपर्टी, टैक्स,डिजास्टर मैनेजमेंट, इलेक्शन मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग से लेकर दूसरी सेवाएं आसान हो जाएगी।
100 करोड़ एड्रेस कवर होंगे
डिपार्टमेंट ऑफ पोस्ट के मुताबिक, भारत में करीब 35 करोड़ घर हैं। अगर इसमें सभी बिजनेस और नॉन रेजिडेंशियल बिल्डिंग को भी शामिल कर लिया जाय, तो देश में कुल एड्रेस की संख्या करीब 75 करोड़ हो सकती है। और इसे जरूरत पड़ने पर करीब 100 करोड़ एड्रेस तक 11+1 डिजिट के साथ कवर किया जा सकेगा।