- ई-श्रम पोर्टल पर अब तक कृषि क्षेत्र के सबसे ज्यादा 2.35 करोड़ श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
- रजिस्टर्ड श्रमिकों में करीब 65.68 प्रतिशत 16-40 वर्ष के आयु वर्ग के हैं
- मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2.0 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1.0 लाख रुपये का बीमा लाभ प्राप्त होगा।
नई दिल्ली: श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के रजिस्ट्रेशन का आंकड़ा 4 करोड़ को पार गया है। सोमवार को श्रम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन 4.24 करोड़ पहुंच गया है। सरकार इस पोर्टल के जरिए असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का नेशनल डेटाबेस तैयार कर रही है। इसके जरिए, 12 अंकों का यूनिक नंबर जारी होगा। जो कि पूरे देश में वैध होगा। सरकार इस डाटाबेस के जरिए सरकार सोशल सिक्योरिटी योजनाओं को श्रमिकों को दरवाजे पर तक बहुत ही कम खर्च में पहुंचाएगी। पोर्टल पर मजदूर, प्रवासी मजदूर, रेहड़ी-पटरी वाले, घरेलू कामगार, कंस्ट्रक्शन वर्कर, खेतिहर मजदूर और असंगठित क्षेत्र के दूसरे श्रमिक रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं।
सबसे ज्यादा यहां श्रमिकों ने कराया रजिस्ट्रेशन
पोर्टल के अनुसार, सबसे ज्यादा ओडिशा, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश राज्य के श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। ओडीशा के 90 लाख से ज्यादा, पश्चिम बंगाल 85 लाख से ज्यादा, उत्तर प्रदेश के 72 लाख से ज्यादा, बिहार के 65 लाख से ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जबकि मेघालय, मणिपुर, गोवा और सिक्किम जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रफ्तार धीमी है।
कृषि क्षेत्र के सबसे ज्यादा श्रमिक
पोर्टल के अनुसार अब तक कृषि क्षेत्र के सबसे ज्यादा 2.35 करोड़ श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके बाद कंस्ट्रक्शन सेक्टर से जुड़े 56 लाख से ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके बाद घरों में काम करने वाले 33.78 लाख श्रमिकों और अपैरल क्षेत्र से जुड़े 25 लाख से ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। कुल रजिस्ट्रेशन में लगभग 50.02 प्रतिशत हिस्सेदारी महिलाओं की है, जबकि 49.98 प्रतिशत पुरुषों की हिस्सेदारी है।
सबसे ज्यादा 16-40 साल के उम्र के लोगों का रजिस्ट्रेशन
रजिस्टर्ड श्रमिकों में करीब 65.68 प्रतिशत 16-40 वर्ष के आयु वर्ग के हैं और 34.32 प्रतिशत 40 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के हैं। इसके तहत लगभग 43 प्रतिशत ओबीसी वर्ग के श्रमिकों का पंजीकरण हुआ है। और 27 प्रतिशत रजिस्ट्रेशन अन्य पिछड़ा वर्ग और सामान्य जातियां शामिल हैं। जबकि अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के 23 प्रतिशत और 7 प्रतिशत श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन हुआ है।
क्या मिलेंगे फायदे
श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड श्रमिकों के पास यूनिवर्सल अकाउंट नंबर के साथ ई-श्रम कार्ड होगा। जो पूरे देश में स्वीकार्य होगा। कार्ड बन जाने के बाद सामाजिक सुरक्षा लाभ प्राप्त करने के लिए, श्रमिकों को विभिन्न स्थानों पर पंजीकरण कराने की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कोई श्रमिक ई-श्रम पोर्टल पर रजिस्टर्ड है और वह किसी दुर्घटना का शिकार हो जाता है, तो मृत्यु या स्थायी विकलांगता की स्थिति में 2.0 लाख रुपये और आंशिक विकलांगता पर 1.0 लाख रुपये का लाभ प्राप्त होगा।