- वायु गुणवत्ता प्रणाली के तहत दिल्ली और 19 जिलों पर नजर रखी जाएगी।
- इसके तहत कंस्ट्रक्शन, उद्योग, धूल , पराली आदि से होने वाले प्रदूषण का आंकलन किया जाएगा।
- नई प्रणाली के जरिए प्रशासन को बढ़ते प्रदूषण को रोकने के लिए समय रहते कदम उठाने का मौका भी मिलेगा।
नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर के क्षेत्रों में बढ़ते प्रदूषण पर नजर रखने और उसे नियंत्रित करने के लिए केंद्र सरकार ने वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Air quality Early warning sysytem)लांच की है। इसके तहत दिल्ली और उसके आस-पास के 19 जिलों की वायु गुणवत्ता पर रियल टाइम नजर रखी जाएगी। इसके साथ ही किस फैक्टर के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है, उसका भी आंकलन किया जा सकेगा। यही नहीं इस सिस्टम के जरिए इस बात का भी पता चल सकेगा कि अगले 5 दिन कैसे कदम उठाए जाएं, जिससे कि प्रदूषण में कमी लाई जा सके।
दिल्ली सहित इन जिलों पर रहेगी नजर
दिल्ली के अलावा गाजियाबाद, अलवर, पानीपत, जींद, बुलंदशहर, महेंद्रगढ़,बागपत,करनाल, गौतम बुद्ध नगर,झज्जर, गुड़गांव,मुज्जफरनगर, फरीदाबाद,रोहतक,रेवाड़ी,मेरठ,भरतपुर,सोनीपत,भिवाड़ी को वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली के दायरे में रखा गया है। इन जगहों की वायु गुणवत्ता का दिल्ली पर क्या असर हो रहा है।
दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले माध्यमों पर अलग निगरानी
दिल्ली में प्रदूषण स्तर को कंट्रोल करने के लिए अलग से उन माध्यमों पर नजर रखी जाएगी, जो सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। इसके तहत कंस्ट्रक्शन, एनर्जी, ट्रांसपोर्ट, सड़क पर मौजूद धूल, वेस्ट को जलाने पर होने वाले प्रदूषण, दिल्ली और उसके आस-पास में मौजूद उद्योगों से होने वाले प्रदूषण पर अलग से नजर रखी जाएगी। जिससे कि पहले से ही प्रदूषण पर नियंत्रण किया जा सके।
पराली पर खास फोकस
इसके अलावा पड़ोसी राज्यों से पराली के जरिए होने वाले प्रदूषण पर भी नजर रखी जाएगी। जिसका रियल टाइम आंकलन किया जा सकेगा। रियल टाइम वायु गुणवत्ता की स्थिति और दूसरी जानकारी को https://ews.tropmet.res.in/dss/index.php से चेक किया जा सकेगा।
स्वास्थ्य पर सीधा असर
दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण से लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर हो रहा है। इसकी वजह से न केवल सांस संबंधी बीमारियां हो रही हैं। बल्कि लोगों की उम्र पर भी सीधा असर हो रहा है। हालत यह है कि कोरोना के पहले से ही दिल्ली-एनसीआर के लोग मॉस्क पहनने पर मजबूर हो गए थे।