- ई-श्रम पोर्टल पर 50 फीसदी से ज्यादा श्रमिक कृषि क्षेत्र से जुड़े हुए हैं।
- सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है
- ई श्रम पोर्टल के जरिए सरकार का 38 करोड़ श्रमिकों को जोड़ने का लक्ष्य है।
नई दिल्ली: ई-श्रम पोर्टल पर असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन 8 करोड़ का आंकड़ा पार गया है। पोर्टल पर पुरूषों से ज्यादा महिलाओं ने रजिस्ट्रेशन कराया है। और इसी तरह सबसे ज्यादा 18-40 साल के उम्र के लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। सरकार का श्रम पोर्टल पर 38 करोड़ लोगों को जोड़ने का लक्ष्य है। श्रम पोर्टल के जरिए असंगठित क्षेत्र के तहत काम करने वाले कंस्ट्रक्शन वर्कर, प्रवासी श्रमिक, स्ट्रीट वेंडर, घरों में काम करने वाले श्रमिकों आदि को जोड़ कर सामाजिक सुरक्षा योजनाओं को बनाने से लेकर उसका लाभ पहुंचाने में मदद मिलेगी।
मिलता है 12 अंकों का रजिस्ट्रेशन नंबर
श्रमिक पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराने के बाद श्रमिकों को 12 अंकों वाला विशिष्ट नंबर मिलता है। जिसके आधार पर सरकार उनसे संबंधित योजनाओं का लाभ पहुंचा सकेगी। साथ ही उनकी जानकारी भी प्राप्त कर सकेगी। ऐसा करने से धोखाधड़ी की संभावना भी कम हो जाएगी। और योजनाओं का पात्र लोगों को लाभ पहुंच सकेगा।
कृषि क्षेत्र के श्रमिक सबसे ज्यादा जुड़े
ई-श्रम पोर्टल पर सबसे ज्यादा कृषि क्षेत्र से जुड़े लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। 18 नवंबर 2021 तक के आंकड़ों के अनुसार पोर्टल पर कुल 8.15 करोड़ से ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इसमें से 4.35 करोड़ से ज्यादा कृषि क्षेत्रों के श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके बाद कंस्ट्रक्शन क्षेत्र के 99 लाख से ज्यादा लोगों, 71 लाख से ज्यादा घरेलू वर्कर्स, 50 लाख से ज्यादा अपैरल क्षेत्र के लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
बंगाल और यूपी के श्रमिकों का सबसे ज्यादा रजिस्ट्रेशन
ई-श्रमिक पोर्टल पर सबसे ज्यादा पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश के लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। इसके तहत पश्चिम बंगाल से 1.96 करोड़ से ज्यादा, उत्तर प्रदेश के 1.50 करोड़ से ज्यादा, ओडीसा के 1.17 करोड़ और बिहार के 92 लाख से ज्यादा श्रमिकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है।
10 हजार से कम आय वाले लोग सबसे ज्यादा
श्रम पोर्टल पर सबसे ज्यादा 10 हजार रुपये से कम आय वाले लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। जिनकी कुल रजिस्ट्रेशन में 92.7 फीसदी हिस्सेदारी है। इसी तरह रजिस्ट्रेशन कराने वालों में महिलाओं की हिस्सेदारी 51.71 फीसदी और पुरूषों की 48.29 फीसदी हिस्सेदारी है। सटीक आंकड़े नहीं होने की वजह से कोरोना की पहली और दूसरी लहर में प्रवासी श्रमिकों को योजनाओं का लाभ पहुंचाने में केंद्र और राज्य सरकारों का काफी दिक्कत आई थी। इसके देखते हुए ई-श्रम पोर्टल भविष्य के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है।