- ई-श्रम पोर्टल पर अब तक 79 लाख से ज्यादा घरेलू कामगार रजिस्टर्ड हो चुके हैं।
- सर्वे के बाद घरेलू कामगारों के लिए वेतन से लेकर पीएफ, साप्ताहिक छुट्टी आदि के नियम बन सकते हैं।
- देश के 742 जिलों में घरेलू कामगारों पर कराया जा रहा है सर्वे
नई दिल्ली। श्रम मंत्रालय ने घरों में काम करने वालों कामगारों का सर्वे कराने का फैसला किया है। इसकी शुरूआत भी हो गई है। सर्वे में रसोइयां, ड्राइवर, हाउस कीपिंग, चौकीदार आदि सभी घरेलू कामगारों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए पूरे देश में सर्वे अभियान चलाया जाएगा । इन सर्वे के जरिए, सरकार केंद्र और राज्य स्तर पर घरेलू कामगारों की स्थिति का आंकलन करना चाहती है।
इन बातों का चलेगा पता
सर्वे के तहत राज्यों और केंद्र के स्तर पर घरेलू कामगारों की संख्या का पता लगाना है। इसके अलावा जिन घरों में वह काम करते हैं, वहां रहते हैं या बाहर राहते हैं। कम करने वालों में कितने संगठित रोजगार के तहत आते हैं, कितने असंगठित क्षेत्र में रोजगार कर रहे हैं। कामगारों में कितने प्रवासी हैं और कितने गैर-प्रवासी हैं। इसके अलावा उनका वेतन क्या है। उन्हें वेतन किस तरह मिलता है। उनकी सामाजिक और आर्थिक स्थिति क्या है, उसके आंकड़े एकत्र करना है।
इसके अलावा जिन घरों में घरेलू कामगार रहते हैं, उनका आकार क्या है, घर पक्के मकान हैं या कच्चे हैं, कामगारों का मासिक खर्च क्या है। वह किस तरह के समाज में रहते हैं, उनकी शिक्षा का स्तर क्या है, उन्होंने कोई वोकेशनल ट्रेनिंग की है , उन्हें किन सामाजिक योजनाओं का लाभ मिलता है आदि चीजें पता की जाएंगी।
मिल सकती हैं कई सुविधाएं
सर्वे के बाद घरेलू कामगारों की स्थिति स्पष्ट होने के बाद उनके लिए कई अहम योजनाएं बन सकती है। मसलन लेब कोड के आधार पर श्रमिकों के काम के घंटे, न्यूनतम वेतन, साप्ताहिक छुट्टी, पीएफ खाते जैसे कई अहम सुविधाएं शुरू हो सकती है। हालांकि ऐसा सर्वे के परिणाम आने के बाद ही हो सकेगा। जिसके नतीजे करीब एक साल बाद आएंगे।
भारत में 3 करोड़ से ज्यादा हो सकती है संख्या
ई-श्रम पोर्टल रजिस्टर्ड श्रमिकों के अनुसार, अब तक 79 लाख से ज्यादा घरेलू कामगारों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया है। जो कि तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र है। अभी तक पोर्टल पर कुल 8.96 करोड़ श्रमकों ने रजिस्ट्रेशन कराया है। सरकार कोउम्मीद है कि ई-श्रम पोर्टल पर 38 करोड़ श्रमिकों का रजिस्ट्रेशन होगा। इस आधार पर देश भर में 3-3.5 करोड़ घरेलू कामगार हो सकते हैं।
742 जिलों में होगा सर्वे
22 नवंबर से शुरू हुए सर्वे में 37 प्रदेश, 3 केंद्रशासित प्रदेशों के 742 जिले शामिल होंगे। जिसके तहत कुल 12766 प्रथम चरण इकाइयों (एफएसयू) यानी 6190 गांवों और 6576 यूएफएस ब्लॉकों को सर्वेक्षण में शामिल किया जाएगा। और 1,50,000 घरों यानी अल्टीमेट स्टेज यूनिट्स (यूएसयू) को शामिल किया जाएगा।