- पति का आरोप महिला की मौत अधिक एनेस्थीसीया देने के चलते हुई
- पुलिस जांच में सेंटर के एमडी की डिग्री फेक निकली
- पुलिस ने आरोपी फर्जी चिकित्सक को गिरफ्तार कर जेल भेजा
Noida News: यूपी के ग्रेटर नोएडा में मां बनने के चक्कर में एक महिला की मौत हो गई। दरअसल मृतक महिला का कई वर्षों से मां बनने का सपना अधूरा था। यही वजह थी कि, महिला व उसके पति ने आईवीएफ तकनीक के जरिए अपने घर के आंगन में बच्चे की किलकारियां सुनने की चाहत पूरी करने का इरादा बनाया। मगर परिवार में यह खुशी मातम में बदल गई।
कथित डॉक्टर की लापरवाही के चलते महिला की जान चली गई। अब महिला के पति के मामला दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने चिकित्सक को अरेस्ट किया है। मामले में सबसे हैरानी की बात तो ये निकली है कि, सूनी गोद को भरने का दावा करने वाले आरोपी डॉक्टर की डिग्री ही जांच में फेक निकली। पुलिस अब पूरे मामले की बारीकी से जांच कर रही है।
ये है पूरा मामला
बिसरख थाने के एसएचओ उमेश बहादुर सिंह के मुताबिक गाजियाबाद के वसुंधरा इलाके में रहने वाले दंपत्ति ललिता व चंद्रभान विवाह के कई वर्ष गुजर जाने के बाद भी नि:संतान थे। चंद्रभान ने ललिता का कई जगह इलाज भी करवाया था। मगर इसके बाद भी व संतान के सुख से वंचित थे। इसके बाद दोनों ने आईवीएफ तकनीक के जरिए औलाद पाने का फैसला किया। जिसके तहत ग्रेटर नोएडा के एक आईवीएफ सेंटर पर पहुंचे। वहां पर सेंटर के एमडी प्रियरंजन ठाकुर से बात करके अपनी इच्छा बताई। इसके बाद वहां पर तैनात डॉ. सुशील लखनपाल ने महिला का उपचार शुरू किया। पुलिस के मुताबिक मृतका के पति ने बताया कि, चिकित्सकों के बताए अनुसार उनकी पत्नी नियम फॉलो कर रही थी।
एनेस्थीसिया से बिगड़ी तबीयत
एसएचओ के मुताबिक मृतका के पति ने आरोप लगाया है कि, डॉक्टरों ने गत 19 अगस्त को उनकी पत्नी ललिता को सेंटर पर बुलाया। जहां पर उसे एनेस्थीसिया अधिक मात्रा ने दे दिया। इसके बाद से पत्नी की तबीयत बिगड़ने लगी। समय पर सही उपचार नहीं मिलने के चलते वह कोमा में चली गई। पुलिस के मुताबिक सेंटर पर ना तो आपात स्थिति में उपचार की कोई व्यवस्था थी। ना ही अन्यत्र ले जाने के लिए एंबुलेंस मौजूद थी। इसके बाद मृतका के पति उसे एक अन्य निजी हॉस्पिटल में ले गए। जहां पर इलाज के दौरान ललिता की 26 अगस्त को मौत हो गई।
एमबीबीएस डिग्री निकली फेक
एसएचओ उमेश बहादुर सिंह के मुताबिक जांच में सेंटर संचालक प्रियरंजन ठाकुर दोषी पाया गया है। हालांकि उसे अरेस्ट करने के बाद जेल भेज दिया गया है। महिला की मौत के मामले की जांच अभी भी चल रही है। जांच में अगर और कोई भी दोषी पाया गया, तो उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाएगी। एसएचओ के मुताबिक पुलिस जांच में आरोपी फर्जी चिकित्सक डॉ. प्रियरंजन ठाकुर की एमबीबीएस की डिग्री फेक निकली। पुलिस के मुताबिक डॉक्टर को अरेस्ट करने के बाद जांच की तो पता चला कि, वर्ष 2005 में जारी की गई बीएन यूनिवर्सिटी की यह डिग्री फर्जी है। आरोपी चिकित्सक विश्व विद्यालय में कभी पढ़ा ही नहीं था।