- नोएडा बस डिपो में बसों के इंतजार में परेशान लोग
- लंबी दूरी की बसों का इंतजार करते परेशान हुए यात्री
- नोएडा से सुल्तानपुर और सीतापुर जाने वाले यात्रियों को परेशानी
Noida Bus Depot News: नोएडा मोरोना बस डिपो पर बस कम होने के कारण यात्री लगातार परेशान हो रहे हैं। डिपो में यात्री बस का इंतजार कर रहे हैं। यात्रियों का कहना है कि काफी इंतजार करने के बाद भी बस नहीं मिल पा रही है। डिपो से लंबी दूरी तय करने वाली बसों को बंद कर दिया गया है। जिसमें सुल्तानपुर और सीतापुर आदि शहर की बसें भी शामिल हैं। ऐसे में यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
नोएडा बस डिपो द्वारा लखनऊ, अयोध्या और अन्य जगहों के लिए बस सेवा जारी है। चुनाव के समय लंबी दूरी की बसें चलाई गई थी। उस समय जिस शहर के लिए यात्री मिलते थे, वहां पर बसे चला दी जाती थी। लेकिन अब उन बसों को मानकों को पूरा करने के लिए नीलाम कर दिया गया है।
डिपो के पास अब केवल 144 बसें
पिछले 8 महीने पहले नोएडा डिपो के पास में 186 बसें थी। हालांकि अब नोएडा डिपो के पास केवल 144 बसे हैं। बसे अपने समय से चलाई जाती हैं। बसों को अपने समय पर चलाया जा रहा है, हालांकि पास कम होने के कारण कुछ रूटों के यात्रियों को बसों का इंतजार करना पड़ता है। जिससे यात्रियों को लगता है कि उन्हें काफी ज्यादा इंतजार करना पड़ रहा है।
प्रशासन की ओर से मिलेंगी 50 नई सीएनजी और साधारण बसें
आपको बता दें कि डिपो के सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक नरेश पाल सिंह ने बताया कि हमें प्रशासन की ओर से 50 नई सीएनजी और साधारण बसें देने की बात कही गई थी, लेकिन अभी तक बसें नहीं मिल पाई हैं। बसों के मिलने के बाद लंबी दूरी की कई बसें शुरू करने के अलावा रूटों पर बस बढ़ा दी जाएंगी। हालांकि अभी नोएडा डिपो के पास में 144 बसें हैं। जिन क्षेत्रों के लिए ज्यादा यात्री मिलते हैं, उन रूटों पर ज्यादा बसें चला दी जाती हैं। जिससे कि यात्रियों को ज्यादा परेशानियों का सामना ना करना पड़े।
बसों के फेरे बढ़ाने से राजस्व में हुई वृद्धि
आपको बता दें कि, नोएडा डिपो ने हर बार की तरह इस बार भी सबसे ज्यादा यात्रियों को उनके निवास स्थान तक पहुंचाया है। अगर पिछले साल 2019 की बात करें, तो 609.7 लाख के राजस्व की वृद्धि हुई थी। नोएडा बस डिपो ने इस साल अप्रैल माह में 705 लाख का राजस्व प्राप्त किया है। बसों के फेरे बढ़ाने और लंबे रूटों पर बस चलाने के कारण राजस्व में वृद्धि हुई है।