- आगामी बोर्ड बैठक में दोनों कस्बों को आधुनिक बनाने पर लगेगी मुहर
- दोनों कस्बों की सड़कों, गलियों का पुनर्निर्माण व बाजार का सौंदर्यीकरण किया जाएगा
- दोनों कस्बों के लिए 10-10 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान
Modern town Surajpur and Kasana: ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर और कासना के लिए अच्छी खबर है। अब शहर के सबसे पुराने सूरजपुर व कासना कस्बों को नए सिरे से आधुनिक और डिजिटल रूप में विकसित किया जाएगा। प्राधिकरण ने इसका खाका तैयार कर लिया है। आगामी बोर्ड बैठक में इस पर मुहर लगाने की तैयारी है।
राजा सूरजमल ने सूरजपुर, राजा राव कासल ने कासना को बसाया था
ग्रेटर नोएडा की शुरुआत इन दो कस्बों से ही हुई है। कलेक्ट्रेट, विकास भवन, पुलिस कमिश्नर ऑफिस, जिला अदालत, जीएसटी कार्यालय आदि सूरजपुर में ही हैं। प्राचीन बराही मेला भी सूरजपुर में ही लगता है। लगभग दो किलोमीटर एरिया में इसकी बसावट है। स्थानीय लोग यहां की आबादी करीब चार लाख बताते हैं, जिनमें मूल आबादी और किरायेदार दोनों ही शामिल हैं। राजा सूरजमल ने इसे बसाया था। इसी तरह कासना को राजा राव कासल ने बसाया था। प्राचीन किले के अवशेष व सती निहालदे का मंदिर भी यही हैं। कासना में नौलखा बाग भी बहुत प्रसिद्ध हुआ था, जिसमें नौ लाख पेड़ थे। इसके कुछ हिस्से में मंदिर और आसपास हरियाली अब भी है। यहां के मूल और किरायेदारों की आबादी भी चार लाख से अधिक बताई जा रही है।
घंटाघर चौक को एंटरटेनमेंट जोन के रूप में किया जाएगा विकसित
प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने दोनों कस्बों को नए सिरे से विकसित करने का निर्णय लिया है। यहां की सड़कों, गलियों का पुनर्निर्माण व बाजार का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। घंटाघर चौक (सूरजपुर तिराहे) और उसके आसपास के एरिया को एंटरटेनमेंट जोन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसी तरह कासना को भी सभी सुविधाओं से लैस किया जाएगा। सूरजपुर में स्थित सभी सरकारी महकमों को भी संवारा जाएगा। इसके आसपास हरियाली, पार्किंग, फुटपाथ आदि विकसित किए जाएंगे।
डिजिटल तकनीक से होगा विकास
सूरजपुर व कासना कस्बे के विकास की इबारत डिजिटल तकनीक का इस्तेमाल कर लिखी जाएगी। इसका प्लान जीआईएस (जियोग्राफिकल इनफोर्मेशन सिस्टम) तकनीक का सहारा लेकर तैयार किया जाएगा। कंसलटेंट से डिजिटल तकनीक के जरिये ही परियोजना रिपोर्ट तैयार कराई जाएगी। ग्रेटर नोएडा गति शक्ति पोर्टल से पहले ही जुड़ चुका है।
50-50 करोड़ खर्च का अनुमान
कस्बों के आधुनिकीकरण में पैसों की कमी नहीं होने दी जाएगी। दोनों को विकसित करने में फिलहाल 50-50 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। प्राधिकरण के पास 700 करोड़ रुपये से अधिक हैं। दोनों कस्बों के विकास के लिए फिलहाल 10-10 करोड़ रुपये बजट का प्रावधान किया गया है। इस पर आगामी बोर्ड बैठक में मुहर लगने की उम्मीद है।