- निजी सीएनजी बसों के रजिट्रेशन की प्रक्रिया शनिवार को हुई पूरी
- जिला परिवहन कार्यालय ने प्रति बस 7.5 लाख रुपए का दिया अनुदान
- 10 जून से एक जुलाई तक 3.52 करोड़ रुपए का दिया जा चुका है अनुदान
Patna CNG Buses: पटना शहर की सड़कों पर दो दिन बाद 47 नई सीएनजी बसें दौड़ेंगी। यह बसें निजी हैं। डीजल बसों के मालिकों ने परिवहन विभाग की अपील पर सीएनजी बसें खरीदी हैं। इसके लिए विभाग की ओर से बस मालिकों को अनुदान भी दिया जा रहा है। शनिवार को इन नई 47 निजी सीएनजी बसों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी हो गई।
इसके साथ ही जिला परिवहन कार्यालय की ओर से प्रत्येक बस 7.5 लाख रुपए का अनुदान भी बस मालिकों को दे दिया गया। विभागीय अधिकारी के मुताबिक, 10 जून से लेकर एक जुलाई तक कुल 3 करोड़ 52 लाख 50 हजार रुपए का अनुदान दिया जा चुका है।
50 बसों में से 47 का दे दिया गया है अनुदान
विभागीय अधिकारी के मुताबिक, 50 निजी सीएनजी बसों में से 47 वाहन मालिकों को अनुदान दिया जा चुका है। सिर्फ तीन बस मालिकों को विभाग द्वारा अनुदान की राशि दी जानी है। यह तीन भी अपने व्यक्तिगत कारणों से अनुदान राशि लेने नहीं आ सके।
बसों को हरे और सफेद रंग से कराया गया पेंट
बता दें, स्वराज माजदा और टाटा से यह बसें खरीदी गईं हैं। इनकी कीमत 25 लाख रुपए से 30 लाख रुपए तक है। इनको हरे और सफेद रंग से पेंट कराया गया है। यह रंग प्रदूषण रहित होने का संकेत है। इसी के साथ 50 पुरानी पीली सिटी राइड बसें शहर की सड़कों से बाहर हो गईं हैं। यह बसें डीजल से संचालित की जा रहीं थीं। इससे प्रदूषण काफी अधिक हो रहा था।
सड़कों पर अब भी 250 डीजल बसें
शहर की सड़कों पर अब भी डीजल वाली 250 बसें संचालित हो रहीं हैं। इनको अब कई फेज में 50-50 की संख्या में शहर से बाहर किए जाने की योजना है। दरअसल, सीएनजी डीजल की अपेक्षा सस्ता भी है। ऐसे में सीएनजी बसों के चलने के बाद भी बसों के किराए में वृद्धि नहीं हो सकेगी।
सीएनजी वाहन कई मायनों में लाभप्रद
जिला परिवहन पदाधिकारी (डीटीओ) श्रीप्रकाश का कहना है कि, निजी सीएनजी बस मालिकों को अनुदान राशि मिल चुकी है। अब दो दिन में यह बसें सड़कों पर चलेंगी। सीएनजी वाहन कई मायनों में लाभप्रद हैं। इससे प्रदूषण नहीं फैलता है। डीजल की अपेक्षा सस्ता होने से वाहन स्वामी को ज्यादा लाभ होगा। यात्रियों को भी कम किराए पर बेहतर यातायात सेवा मिल सकेगी। इससे सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी, क्योंकि जर्जर डीजल बसों के कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं।