- बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर कोविड 19 अस्पताल की स्थापना
- इसके बाद विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं नीतीश कुमार
- तीन पालियों में डॉक्टरों और नर्सों की ड्यूटी इस अस्पताल में लगाई जाएगी
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भतीजी कोरोना पॉजिटिव पाई गई है। इसके बाद पटना में मुख्यमंत्री आवास पर एक मल्टी-स्पेशलिटी अस्पताल बनवाया गया है। पटना मेडिकल कॉलेज ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सरकारी आवास पर छह डॉक्टरों, तीन नर्सों और एक वेंटिलेटर को तैनात करने का आदेश जारी किया है। स्वास्थ्य विभाग के सचिव ने अस्पताल को निर्देश दिया कि वह कोविड 19 के खिलाफ एहतियात के तौर पर ऐसा करें।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इसके लिए नीतीश कुमार पर निशाना साधा है। तेजस्वी ने ट्वीट कर कहा, 'मुख्यमंत्री की मात्र 2 घंटे में कोरोना जाँच हो जाती है और रिपोर्ट भी आ जाती है। उनकी भतीजी को कोरोना होने पर घर में ही वेंटिलेटर युक्त अस्पताल बना 6 डॉक्टर, 2 नर्स और स्वास्थ्यकर्मियों की फौज लगा दी जाती है। 4 महीने बाद भी आम आदमी के लिए ये सुविधा क्यों नहीं?'
RJD नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि इस सरकार को आम लोगों की चिंता नहीं है। जैसी व्यवस्था मुख्यमंत्री के लिए है वैसी ही जनता के लिए भी होनी चाहिए। जनता को टेस्ट नहीं हो पा रहा है, आम जनता परेशान है और मुख्यमंत्री के आवास पर अत्याधुनिक अस्पताल बन गया है। डॉक्टरों और नर्सों की वहां ड्यूटी लगा दी गई है। कोरोना को लेकर सरकार ने पहले से कोई तैयारी नहीं की। विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव जी बोलते रहेंगे। सरकार का ये संवेदनहीन रवैया है।
मुख्यमंत्री आवास पर डॉक्टरों और नर्सों की नियुक्त का आदेश पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल (PMCH) की तरफ से दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि कोरोना वायरस से उत्पन्न संक्रमण के रोकथाम एवं इसके निरोधात्मक उपाय को देखते हुए माननीय मुख्यमंत्री जी के आवास पर वेंटिलेटर युक्त अस्पताल के संचालन हेतु पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल पटना के अंतर्गत कार्यरत चिकित्सकों एवं परिचारिकाओं को माननीय मुख्यमंत्री आवास पर निम्नलिखित पाली में प्रतिनियुक्त किया जाता है।
तीन पाली में डॉक्टरों और नर्सों की ड्यूटी लगाई गई है। पहली पाली सुबह 7 बजे से दोपहर 2 बजे तक है। इसके बाद दूसरी पाली दोपहर 2 बजे से रात 9 बजे तक चलेगी। तीसरी और आखिरी पाली रात 9 बजे से सुबह 7 बजे तक चलेगी।