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Amresh Singh Success story: कमाल का किसान और कमाल की किसानी, हाप शूट्स की कीमत सुनकर रह जाएंगे दंग

Amresh Singh Success story: कमाल का किसान और कमाल की किसानी, हाप शूट्स की कीमत सुनकर रह जाएंगे दंग
Updated Apr 01, 2021 | 15:23 IST

Hop Shoots Agriculture: बिहार के एक किसान ने ऐसी फसल उगा रहा है जिसकी कीमत लाखों में है और वो इस समय चर्चा के केंद्र में है।

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Amresh Singh Success story: कमाल का किसान और कमाल की किसानी, हाप शूट्स की कीमत सुनकर रह जाएंगे दंगAmresh Singh Success story: कमाल का किसान और कमाल की किसानी, हाप शूट्स की कीमत सुनकर रह जाएंगे दंग
जर्मनी में हॉप शूट्स की होती रही है खेती
मुख्य बातें
  • बिहार के औरंगबाद में हॉप शूट्स की खेती
  • किसान अमरेश सिंह का कामयाबी को आईएएस अफसर ने किया ट्वीट

पटना। खेती- किसानी को लेकर आमतौर पर धारणा होती है कि यह फायदे का कारोबार नहीं है, बिन मौसम बारिश और तूफान का खतरा, इसके अलावा दिनों दिन खेती की बढ़ती लागत की वजह से लोग किसानी को फायदे का सौदा नहीं बताते हैं। लेकिन बिहार के एक नौजवान किसान अमरेश सिंह ने इन धारणाओं को गलत साबित कर दिया। वो हाप शूट्स की खेती से लाखों में कमाई कर रहे हैं। वो हाप शूट्स की खेती से इतने मशहूर हुए कि एक वरिष्ठ आईएएस अफसर ने उनकी कामयाबी को अपने ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया। 

खास है हॉप शूट्स की खेती
सुप्रिया शाहू लिखती हैं कि इस सब्जी के एक किलोग्राम की कीमत लगभग 1 लाख रुपये है! दुनिया की सबसे महंगी सब्जी, 'होप-शूट' की खेती अमरेश सिंह द्वारा की जा रही है, जो भारत के पहले किसान हैं। भारतीय किसानों के लिए गेम चेंजर हो सकता है। अमरेश सिंह बताते हैं कि पहले भी वो पारंपरिक खेती करते थे। लेकिन उन्हें फायदा नहीं होता था। फिर कहीं से उन्हें हॉप शूट्स की खेती के बारे में जानकारी मिली और वो उस सिलसिले में लखनऊ में डॉ राम किशोरी लाल से मिले। 

 

कृषि वैज्ञानिक का मिला साथ और किसान ने किया कमाल
अमरेश कहते हैं कि जब उन्होंने  डॉ. रामकिशोरी लाल की जुबां से हॉप शूट्स का नाम सुने और उससे होने वाले फायदे की बात जानी तो चौंक गए।  डॉ. लाल ने ही हिमाचल प्रदेश से इसके पौधे मंगवाकर दिए।  अमरेश सिंह कहते हैं कि  ने बताया कि साल 2015 से पहले तक वे भी अन्य किसानों की तरह सामान्य खेती करते थे। लेकिन हॉप शूट्स की खेती के बाद वो हर साल 30 लाख से ऊपर कमा लेते हैं।

औरंगाबाद का करमडीह गांव चर्चा के केंद्र में
औरंगाबाद के गांव करमडीह में  उन्होंने करीब पांच लाख निवेश करके हॉप शूट्स की खेती शुरू की। शुरुआती दौर में उन्हें निराशा हुई लेकिन 6 महीने बीतने के बाद बंपर पैदावार और डिमांड आने के बाद वो उत्साहित हुए और उन्होंने अपने खेती के दायरे को और बढ़ाया।  वो बताते हैं कि हॉप शूट्स का इस्तेमाल बीयर और एंटी बायोटिक दवाइयां बनाने में होता है। इस समय पूरी फसल अमेरिका में बेची जा रही है।

उत्तरी जर्मनी में हॉप शूट्स की शुरू हुई खेती
बताया जाता है कि हॉप शूट्स की खेती उत्तरी जर्मनी के किसानों ने शुरू की थी। बीयर में  हॉप शूट्स मिलाने पर बीयर का स्वाद बदला और उसका असर यह हुआ कि किसान इसकी खेती में दिलचस्पी लेने लगे। आज से करीब 300 साल पहले 1710 में इंग्लैंड की संसद ने हॉप्स पर टैक्स लगाया और यह कहा गया कि सभी तरह की बीयर बनाने में हॉप का ही इस्तेमाल हो। 

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