- बिहार में तीन चरणों में होंगे चुनाव, 10 नवंबर को आएंगे नतीजे
- पहले चरण में विधानसभा की 71 सीटों पर डाले जाएंगे वोट
- इस चुनाव में मुख्य मुकाबला एनडीए और महागठबंधन के बीच है
कौन जीत रहा है बिहार विधान सभा चुनाव 2020: एनडीए या यूपीए ? Times Now C-Voter Opinion Poll ने इसी सवाल को लेकर सर्वे किया है।
कौन जीत रहा है बिहार?
TIMES NOW C-VOTER OPINION POLL
अलायंस | सीट | वोट % |
एनडीए | 147 | 43 |
यूपीए | 87 | 34.6 |
एलजेपी | 3 | 3.8 |
अन्य | 6 | 18.6 |
कुल | 243 | 100 |
ओपिनियन पोल के हिसाब से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार में फिर से एनडीए स्पष्ट बहुमत के साथ चुनाव जीत रहा है। यानि एनडीए को 243 में से 147 सीटें मिल रही है और वोट मिला रहा है 43 फीसदी। दूसरी तरफ तेजश्वी यादव के नेतृत्व में यूपीए 87 सीट पर सिमट रही है और वोटों का प्रतिशत है 34.6 जहां तक चिराग पासवान के एलजेपी का सवाल है ताम झाम तो काफी दिखाया जा रहा लेकिन सीटें मिल रही है सिर्फ 3 और 3.8 फीसदी वोट मिल रहे हैं। अन्य के खाते में जा रहा है 6 सीट लेकिन सबसे बड़ी बात एनडीए सत्ता में आ रही है और यूपीए सत्ता से काफी दूर जाता दिख रहा है।
किसको हुआ फायदा किसको हुआ नुकसान?
BATTLE FOR BIHAR: VOTE SHARE
अलायंस | 2015 | 2020 | स्विंग |
एनडीए | 34.1 | 43 | 8.9 |
यूपीए | 41.9 | 34.6 | -7.3 |
अन्य | 24.0 | 22.4 | -1.6 |
2015 के विधान सभा चुनाव में एनडीए को 34.1 फीसदी वोट मिला था और अबकी बार उसे 43 फीसदी वोट मिल रहा है यानि 8.9 फीसदी का इजाफा। चुनावी गणित में 8.9 फीसदी का पॉज़िटिव स्विंग बहुत बड़ा माना जाता है। दूसरी तरफ 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में यूपीए या उस समय के महागठबंधन को 41.9 फीसदी वोट मिला था। हां यहां इस बात को जानना बहुत जरूरी है कि उस महागठबंधन में कांग्रेस के साथ साथ जेडीयू और आरजेडी भी शामिल था लेकिन ओपिनियन पोल में अबकी बार यूपीए को 34.6 फीसदी वोट मिल रहा है यानि 7.3 फीसदी वोट का नुकसान और इतना बड़ा नेगेटिव स्विंग अपने आप में बहुत मायने रखता है। अन्य के खाते में भी 1.6 फीसदी वोटों का नुकसान हो रहा है।
BATTLE FOR BIHAR: SEAT SHARE
अलायंस | 2015 | 2020 | बदलाव |
एनडीए | 58 | 157 | 89 |
यूपीए | 178 | 87 | -91 |
अन्य | 7 | 9 | 2 |
कुल | 243 |
सीटों के मामले में एनडीए को 89 सीटों का फायदा हो रहा है जबकि यूपीए को 91 का नुकसान हो रहा है लेकिन अन्य के खातों में 2 सीटों का फायदा होता दिखाई दे रहा है।
एनडीए में किसको कितना सीट?
NDA TIMES NOW C-VOTER OPINION POLL
पार्टी | सीट | वोट% |
भाजपा | 77 | 21.6 |
जेडीयू | 63 | 18.3 |
वीआईपी | 5 | 1.8 |
हम | 2 | 1.3 |
कुल | 147 | 43 |
77 सीटों के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभर रही है और वोट प्रतिशत के मामले में ओवर ऑल पार्टी में आरजेडी के बाद दूसरे नंबर की पार्टी बन रही है। जेडीयू 63 सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बन रही है और वीआईपी और हम को क्रमशः 5 और 3 सीटें मिलती दिख रही हैं।
यूपीए में किसको कितना सीट?
UPA TIMES NOW C-VOTER OPINION POLL
पार्टी | सीट | वोट% |
आरजेडी | 60 | 24.1 |
कांग्रेस | 16 | 6 |
सीपीआई (एमएल) (एल) | 8 | 2.7 |
सीपीआई | 3 | 1.1 |
सीपीआई (एम) | 0 | 0.5 |
कुल | 87 | 34.6 |
सबसे ज्यादे सीटों पर चुनाव लड़ते हुए भी आरजेडी को सिर्फ 60 सीटें मिल रही हैं लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में आरजेडी सबसे ऊपर है और कांग्रेस चुनाव लड़ी 70 सीटों पर लेकिन उससे सिर्फ 16 सीटें मिलती दिख रही हैं। लेफ्ट फ्रंट ने चुनाव लड़ा 29 सीटों पर लेकिन संतोष करना पड़ रहा है सिर्फ 11 सीटों से।
स्ट्राइक रेट क्या कहता है?
STRIKE RATE
TIMES NOW C-VOTER OPINION POLL
पार्टी | कंटेस्ट | लीड | स्ट्राइक रेट |
भाजपा | 110 | 77 | 70 |
जेडीयू | 115 | 63 | 54.8 |
हम | 7 | 2 | 28.6 |
वीआईपी | 11 | 5 | 45.5 |
आरजेडी | 144 | 60 | 42.7 |
कांग्रेस | 70 | 16 | 22.9 |
लेफ्ट+ | 29 | 11 | 37.9 |
स्ट्राइक रेट या सक्सेस रेट का मतलब है किसी पार्टी ने जितने कैंडिडेट खड़े किए उसमें से कितने की जीत हुई यानि जीत का प्रतिशत क्या रहा। उदाहरण के लिए, किसी पार्टी ने 100 कैंडिडेट खड़े किए और जीते 25 इसका मतलब स्ट्राइक रेट हुआ 25 फीसदी।
टाइम्स नाउ सी-वीटर के ओपिनियन पोल के मुताबिक बीजेपी का स्ट्राइक रेट सबसे ऊपर है। बीजेपी ने 110 कैंडिडैट खड़े किए और जीत हुई 77 कंडीडेटों की यानि सक्सेस रेट हुआ करीब 70 फीसदी। स्ट्राइक रेट के मामले में दूसरे नंबर की पार्टी है जेडीयू जिसका स्ट्राइक रेट रहा 54.8 फीसदी और तीसरे नंबर की पार्टी रही वीआईपी जिसका स्ट्राइक रेट 45.5 फीसदी और चौथे नंबर पर है आरजेडी जिसका स्ट्राइक रेट रहा 41.7 फीसदी ।
टाइम्स नाउ सी-वीटर के ओपिनियन पोल का सार क्या है?
एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव फिर से जीत जीत रहा है। नीतीश कुमार पुनः बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। पीएम मोदी का मोदी मैजिक ने नीतीश कुमार को बचा लिया। दूसरी तरफ, तेजश्वी यादव जीत का ट्रेन मिस तो कर गए हैं लेकिन वोटों के प्रतिशत के मामले में सबसे ऊपर हैं। पिछले 2015 के बिहार विधान सभा चुनाव में बीजेपी को सीटें तो कम मिली थी लेकिन वोट प्रतिशत के मामले में बीजेपी सबसे ऊपर थी ठीक उसी प्रकार अबकी बार आरजेडी के साथ होता दिखाई दे रहा है। लेकिन ये पूर्वानुमान है। वास्तविक नतीजे के लिए हमें 10 नवंबर का इंतजार करना होगा।