- बिहार के दो विधानसभा सीटों कुशेश्वरस्थान और तारापुर पर हो रहे उपचुनाव
- कुशेश्वरस्थान और तारापु दोनों सीटें जेडीयू के खाते में गई हैं
- आरजेडी द्वारा उम्मीदवार उतारे जाने से कांग्रेस है नाराज, दोनों दल महागठबंधन के हिस्सा हैं
पटना। बिहार के दो विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को लेकर सभी दल दशहरा के बाद अपनी पूरी ताकत झोंकने की तैयारी में हैं। सभी दल दशहरा के बाद अपनी-अपनी रणनीति के साथ चुनावी समर में खम ठोकेंगे।ऐसे में देखा जाए तो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को जहां महागठबंधन में फूट पड़ने से लाभ की आस जगी है वहीं प्रमुख विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) को अपने नेता लालू प्रसाद पर भरोसा है। वैसे, देखा जाए राजग और आरजेडी सहित सभी पार्टियां अपने-अपने जीत के दावे कर रहे हैं।
कुशेश्वरस्थान और तारापुर की लड़ाई
इस चुनाव में सत्ताधारी गठबंधन राजग के घटक दल जेडीयू के कोटे में दोनों सीटें कुशेश्वरस्थान और तारापुर गई है। ने इन दोनों सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। इधर, आरजेडी और कांग्रेस इस चुनाव में अलग-अलग ताल ठोंक रहे हैं, जबकि लोजपा (रामविलास) ने भी अपने प्रत्याशी उतार दिए हैं, जिससे मुकबला दिलचस्प होने की उम्मीद है।भाजपा के प्रवक्ता निखिल आनंद कहते हैं कि पिछले साल हुए चुनाव में दोनों सीटों पर जेडीयू के प्रत्याशी विजयी हुए थे और इस उपचुनाव में भी वही परिणाम होगा। उन्होंने राजग के जीत का दावा करते हुए कहा, विधानसभा उपचुनाव में निश्चित तौर पर राजग जीतने की स्थिति में है। महागठबंधन का सवाल है तो दोनों पार्टियां कांग्रेस और आरजेडी अलग हो चुकी है।लालू के चुनाव प्रचार में आने वाले प्रभाव के संबंध में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद को प्रचार में आने के पहले अदालत से आदेश लेना चाहिए। उन्होंने हालांकि यह भी कहा कि आरजेडी कभी भी उपचुनाव को लेकर लालू प्रसाद के स्वास्थ्य पर दांव नहीं लगाएगी। अभी उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की स्थिति तो पहले से ही खराब चल रही है।
जेडीयू का बयान- विपक्ष पहले ही मान चुका है हार
इधर, जेडीयू के प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री नीरज कुमार भी कहते हैं कि विपक्ष पहले से ही हार स्वीकार कर चुका है।उन्होंने आरजेडी और उनके नेता लालू प्रसाद पर कटाक्ष करते हुए कहा, सुनने में आ रहा है कि जो पंचायत चुनाव भी नहीं लड़ सकते उन्हें प्रचार के लिए बुलाया जा रहा है। तेजस्वी यादव को अपने राजनीतिक पुरूषार्थ पर भरोसा नहीं। वे अनुकंपा की बुनियाद पर राजनीति में हैं। अब बिहार की जनता ऐसे लोगों को नहीं जीताएगी।इस उपचुनाव को लेकर चर्चा है कि प्रचार के लिए लालू प्रसाद आने वाले हैं। हालांकि अब तक इसकी अधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इधर, आरजेडी के स्टार प्रचारकों की सूची में भी लालू प्रसाद पहले नंबर पर हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि इस उपचुनाव में लालू प्रसाद प्रचार के लिए जरूर आएंगे।
लालू आए तो मुकाबले में कोई और नहीं
इस बीच, आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि विाानसभा के दो सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि दोनों सीटों पर यदि लालू प्रसाद चुनाव प्रचार के लिए आएंगे तो उसका कोई मुकाबला नहीं हो सकता है। उन्होंने कहा कि लालू प्रसाद यहां के लोगों के दिल में बसते हैं।उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में भी राज्य के मतदाताओं ने आरजेडी को सबसे बड़ी पार्टी बनाई थी और इस उपचुनाव में भी आरजेडी विजयी होगी।हालांकि इस तरह की खबर आ रही है कि लालू यादव शायद चुनावी प्रचार का हिस्सा ना बनें।