- राज्य में विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों के लिए छह जुलाई को मतदान होगा
- चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 जून निर्धारित की गई है
- जद-यू ने अपने उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया, राजद में हुआ है उलटफेर
पटना : बिहार में विधान परिषद का चुनाव दिलचस्प होने जा रहा है। खासकर एक सीट पर कांग्रेस को अपने उम्मीदवार का चयन करना मुश्किल हो गया है। दरअसल इस एक सीट के लिए कांग्रेस को 3000 से ज्यादा आवेदन मिले हैं। हैरान करने वाली बात यह है कि इस सीट के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं, कद्दावर नेताओं यहां तक कि पूर्व मंत्रियों ने अपनी दावेदारी जताते हुए आवेदन दिया है। हालांकि विधान परिषद पहुंचने की नेताओं की छटपटाहट पर बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा कि यह पार्टी के भीतर लोकतंत्र का संकेत देता है।
कांग्रेस ने कहा-पार्टी में लोकतंत्र
झा ने कहा, 'पार्टी में लोकतंत्र मौजूद है और इस एक सीट पर किसे चुना जाना है इसके बारे में पार्टी निर्णय करेगी।' कटिहार से कांग्रेस विधायक शकील अहमद खान का कहना है, 'इसमें कुछ भी गलत नहीं है। सभी ने यहां तक कि बड़े नेताओं ने भी आवेदन दिया है। यह पार्टी के लोकतंत्र को बताता है। हमारी पार्टी किसी एक व्यक्ति के द्वारा नहीं चलाई जाती।' चुनाव आयोग के मुताबिक राज्य में विधान परिषद की नौ रिक्त सीटों के लिए छह जुलाई को मतदान होगा। मतदान के समाप्त होने के बाद मतगणना का काम शुरू होगा। इन सीटों के लिए नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 25 जून निर्धारित की गई है।
चुनाव को लेकर गहमागहमी तेज हुई
राज्य में विधान परिषद चुनावों को लेकर राजनीतिक गहमागहमी काफी तेज हो गई है। जनता दल-यूनाइटेड ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जद-यू तीन सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बिहार में विधान परिषद में सदस्यों की संख्या 75 हैं और इनमें से नौ सदस्यों का कार्यकाल गत मई महीने में समाप्त हो गया। इस चुनाव पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव आरसीपी सिंह ने कहा, 'पार्टी ने मुख्यमंत्री और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को इसके लिए अधिकृत किया था। उन्होंने गुलाम गौस, कुमुद वर्मा और भीष्म सहनी के नाम को मंजूरी दी है।’
राजद में बड़ा उलटफेर
बिहार विधानसभा परिषद चुनाव से पहले राष्ट्रीय जनता दल (राजद) में मंगलवार को बड़ा उलटफेर हुआ। पार्टी के पुराने चेहरे और वरिष्ठ नेता रघुवंश प्रसाद सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। सिंह कोविड-19 से संक्रमित हैं और उनका इलाज पटना एम्स में हो रहा है। बताया जा रहा है कि रघुवंश सिंह अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रामा सिंह के राजद में आने की रिपोर्टों से आहत हैं। इसलिए उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया है। इस बीच, राजद के पांच एमएलसी पार्टी छोड़कर जद-यू में शामिल हो गए।