पटना : बिहार में शराबबंदी की चर्चा हर तरफ होती है। सरकार के नुमाइंदे इसे सफल बताते हैं तो यह कहने वाले भी कम नहीं हैं कि बिहार में वाकई शराबबंदी लागू नहीं है और चोरी-छिपे इसे दूसरे राज्यों से लाकर बेचा जा रहा है। कभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथी रहे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने भी मंगलवार को यह मुद्दा उठाया, जब वह एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि यह अच्छा है या बुरा, इसके बारे में तो तब बात की जाएगी जब यह बंद हो जाए। उन्होंने सवाल करने वाले पत्रकारों से ही सवालिया लहजे में कहा कि आप ही बताएं क्या यह पूरी तरह बंद हो गया है? शराबबंदी को लेकर उठ रहे इन सवालों के बीच अब बिहार के पुलिस महानिदेशक ने दो टूक कहा है कि अगर कोई ऐसा कर रहा है तो इसकी जानकारी पुलिस को जरूर होती है।
बिहार के औरंगाबाद में उन्होंने कहा कि शराबबंदी में पुलिसकर्मियों की बहुत बड़ी भूमिका है और उनकी जानकारी के बगैर कोई भी इसे नहीं बेच सकता। उन्होंने कहा, 'हर कांस्टेबल और कमीश्नर को पता होता है कि उनके इलाके में कौन शराब बेचता या पीता है। अगर कोई कमीश्नर यह नहीं जानता तो उसके प्रभारी होने का कोई अर्थ नहीं है। बिना थाना की जानकारी के पत्ता भी नहीं हिल सकता, कोई माई का लाल एक बोतल दारू नहीं बेच सकता।'
उन्होंने यह भी कहा कि अगर हर कॉन्सटेबल और कमीश्नर साथ मिलकर काम करे तो औरंगाबाद जिला बिहार का आदर्श जिला हा सकता है। उन्होंने शराब बेचने वालों को किसी भी तरह की पुलिसिया मदद करने वालों को भी आगाह किया और कहा, 'मैं हर कॉन्सटेबल और कमीश्नर का सम्मान करता हूं, लेकिन अगर कोई शराब बेचने में किसी तरह की मदद करेगा तो एक दिन वह जरूर जेल जाएगा।'
शराबबंदी को लेकर बिहार के पुलिस महानिदेशक का यह बयान सामने आने के बाद विपक्षी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेता तेजस्वी यादव ने भी नीतीश कुमार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार को कम से कम अपने पुलिस प्रमुख की बात सुननी चाहिए, इस मुद्दे पर अपनी विफलता स्वीकार कर रहे हैं। आरोप लगाया कि बिहार में जब से शराबबंदी की औपचारिक घोषणा हुई, यहां पुलिस, प्रशासन की मिलीभगत से गैरकानूनी तरीके से शराब की बिक्री का कारोबार करने वालों का एक गिरोह भी समानांतर चल रहा है।
डीजीपी ने शनिवार को औरंगाबाद में एक कार्यक्रम के दौरान शराब बेचने वाले पुलिसकर्मियों को आगाह किया था। डीजपी की इस टिप्पणी के बाद बिहार पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष मृत्युंजय सिंह ने भी कहा कि कुछ पुलिसकर्मी ऐसा करते हैं और उनके खिलाफ कार्रवाई करने की जरूरत है। लेकिन इस क्रम में यह भी ध्यान रखने की जरूरत है कि पूरी पुलिस फोर्स को इसके लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।