- छात्रों को राजस्थान के कोटा से पटना लाने के लिए बिहार सरकार ने खर्च किए 1 करोड़ रुपये
- 17 ट्रेनों के जरिए छात्रों का हुई लॉकडाउन के बीच घर वापसी
- बस से छात्रों की क्यों नहीं कराई वापसी, मोदी ने बताई इसकी वजह
पटना: बिहार के उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने बुधवार को कहा कि राज्य सरकार ने कोटा से छात्रों की घर वापसी के लिए 17 ट्रेनों की व्यवस्था की थी। इसके लिए सरकार ने खजाने से 1 करोड़ रुपये खर्च किए हैं। जबकि ये खर्च राजस्थान सरकार सरकार द्वारा वहन किया जाना चाहिए था।
सुशील मोदी बताया, राजस्थान सरकार ने कहा था कि कोटा से बिहार जाने वाले छात्रों की वापसी का खर्च बिहार सरकार को वहन करेगी। बिहार सरकार ने इसके बाद 17 ट्रेनों के लिए 1 करोड़ रुपये जमा किए थे इसके बाद ही बच्चे वहां से वापस आ सके।'
उन्होंने यह भी कहा कि छात्रों को कोटा से बस के जरिए वापस नहीं लाया गया हालांकि ऐसा करने की बात हो रही थी लेकिन कोटा और पटना के बीच ज्यादा दूरी होने की वजह से ऐसा नहीं किया गया। उन्होंने कहा, लॉकडाउन के दौरान रास्ते में जब कहीं कुछ खाने पीने को नहीं मिल रहा था तब हाइवे से 1300 किमी से ज्यादा की दूरी तय करना व्यवहारिक नहीं था। ऐसे में उन्हें ट्रेन से वापस लाने का निर्णय किया गया।'
राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस की आलोचना करते हुए सुशील मोदी ने कहा, आरजेडी और कांग्रेस 3 हजार बसों और तीन सौ ट्रेनों की बात कर रहे थे लेकिन वो है कहां। मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि 1 करोड़ रुपये मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करा दें जिससे कि बिहार जैसे गरीब राज्य में गरीबों का भला हो सके।'