- आईजीआईएमएस में ओपीडी में भर्ती होने से पहले करानी होगी कोरोना जांच
- ऑपरेशन कराने से पहले होगी आरटी-पीसीआर जांच
- इस अस्पताल के पांच डॉक्टर हो चुके हैं कोरोना पॉजिटिव
Covid Protocol: पटना में पिछले 10 दिनों में कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़ गई है। बीते चार दिन में लगातार 3 से अधिक नए मरीज मिले हैं। सूबे में एक बार फिर सबसे अधिक एक्टिव कोरोना मरीज पटना में हैं। ऐसे में बेली रोड स्थित इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) ने कोरोना जांच के बाद ही मरीजों को भर्ती लेने का निर्णय लिया है। इससे पहले अस्पताल प्रबंधन ने मास्क पहने बिना किसी के अस्पताल में एंट्री पर रोक लगा दी थी।
इतना ही नहीं किसी भी तरह के ऑपरेशन से पहले मरीजों को अपनी आरटी-पीसीआर जांच करवानी होगी। इसकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद ही मरीज का ऑपरेशन किया जाएगा।
रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास ही होगी कोरोना जांच
इस बारे में आईजीआईएमएस के अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि संस्थान के पांच डॉक्टर कोरोना संक्रमित हो चुके हैं। वैसे इनमें कोरोना का नया वैरिएंट नहीं मिला है। अधीक्षक ने बताया कि मरीज की कोरोना जांच रजिस्ट्रेशन काउंटर के पास ही की जाएगी। ओपीडी में इलाज के लिए एंटीजन जांच रिपोर्ट मान्य होगी। वहीं ऑपरेशन के लिए आरटी-पीसीआर रिपोर्ट अनिवार्य किया गया है। गंभीर मरीजों के लिए अलग आठ बैड लगाए हैं। इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव निकलने पर इन बैड्स पर उनका इलाज किया जाना है।
फिलहाल अस्पताल में एक भी कोरोना मरीज नहीं
अस्पताल अधीक्षक डॉ. मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल में अभी एक भी कोरोना मरीज भर्ती नहीं है। कोविड वार्ड पूरी तरह से खाली है। मरीजों की सहूलियत के लिए सोमवार से 10 नए रजिस्ट्रेशन काउंटर खोल दिए गए हैं। ताकि वहां पर मरीजों की भीड़ नहीं लगे। उनके बीच दो गज दूरी का पालन हो। नए काउंटर स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के पास बनाए गए हैं। यहां अब 14 रजिस्ट्रेशन काउंटर हो गए हैं।
10 नए कैश काउंटर्स भी खुले
अस्पताल अधीक्षक के मुताबिक अस्पताल परिसर में 10 नए कैश काउंटर्स भी बनाए गए हैं। अब कुल 14 कैश काउंटर हो गए हैं। डॉ. मनीष का कहना है कि जहां भी भीड़ अधिक जुटती है, वहां कोविड गाइडलाइन का पालन कराने के लिए विकल्प तलाशे और बनाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को ही चार नए रजिस्ट्रेशन काउंटर शुरू किए गए थे। इसके बावजूद और नए काउंटर की शुरुआत की गई। इतना ही नहीं बुजुर्गों एवं वीआईपी लोगों के लिए अलग से एक काउंटर बनाया गया है।