पटना : रेलवे भर्ती बोर्ड की ओर से गैर तकनीकी श्रेणियों आरआरबी-एनटीपीसी (RRB NTPC) के लिए परीक्षाओं में कथित विसंगतियों के विरोध में बिहार के कई जिलों में छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। गया, आरा, जहानाबाद सहित कई स्टेशनों पर छात्रों ने हिंसक प्रदर्शन किए हैं। राज्य में छात्रों का प्रदर्शन उग्र न हो, इस पर रोक लगाने के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। मामले में कोचिंग संचालक खान सर पर केस दर्ज हुआ है। इस पूरे मामले पर टाइम्स नाउ नवभारत ने पटना के इस खान सर से खास बातचीत की है।
इस तरह की हिंसा गलत है-खान सर
बोर्ड ने छात्रों को भरोसा दिया है कि टीम पूरे मामले की जांच करेगी, फिर भी छात्र आंदोलन एवं हिंसा क्यों कर रहे हैं? इस सवाल पर खान सर ने कहा कि 'छात्र उग्र प्रदर्शन कर रहे हैं तो यह उनकी गलती है। आरा में छात्रों ने ट्रेन के इंजन में आग लगा दी। इस तरह की हिंसा गलत है। कोई शिक्षक इसका समर्थन नहीं कर सकता। गया और जहानाबाद में छात्रों को शांत करने के लिए रात 2 बजे से हम समझा रहे हैं। पटना में कोई हिंसा नहीं हुई। जिस वीडियो से हम छात्रों को समझाने का प्रयास कर रहे थे, यूट्यूब ने उस वीडियो को ही हटा दिया। ये गड़बड़ हो गई। छात्र ऐसा काम कर रहे हैं कि आने वाले समय में कोई शिक्षक उनका समर्थन नहीं कर पाएगा। गया के लड़कों से मैं कहना चाहूंगा कि इससे उनका आंदोलन कमजोर होगा।'
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'दखल देने के लिए पीएम को धन्यवाद'
बोर्ड और कमेटी बनने के बाद भी छात्र क्यों नहीं मान रहे? इस पर खान सर ने कहा, 'रेलवे को चाहिए था कि वह सीधे तौर पर छात्रों से बात करता। ग्रुप डी के लड़के जब तक बात सुनेंगे नहीं तब तक मानेंगे नहीं। उन्होंने हंगामा करना शुरू कर दिया। आरआरबी का कहना है कि उसे टेंडर नहीं मिल रहा है तो वह क्या करे। आरआरबी को यही बात बोल देना चाहिए था। हम दखल देने के लिए प्रधानमंत्री जी का धन्यवाद देते हैं। आरआरबी वालों ने 40 घंटे पहले काम खराब कर दिया। रेलवे के पीआरओ को सामने आकर यह बोल देना चाहिए था कि उसे एजेंसी ढूंढने में दिक्कत हो रही है।'
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