- बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में संपन्न होगा।
- लालू प्रसाद यादव और रामविलास पासवान नहीं कर पाएंगे चुनाव प्रचार
- जेल में है लालू प्रसाद यादव, आईसीयू में भर्ती हैं रामविलास पासवान
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव के रणभेरी बज चुकी है। राजनीतिक दल अब पूरे जोश खरोश के साथ पाटलिपुत्र की गद्दी पर दावेदारी के लिए कोशिश कर रहे हैं। करीब 15 साल से सत्तारूढ़ जेडीयू एक बार फिर सरकार बनाने का दावा कर रही है तो दूसरी तरफ आरजेडी को यकीन है कि सुशासन बाबू का करिश्मा उतार पर है और जनता उन्हें मौका देने जा रही है। इन सबके बीच हम दो खास चेहरों के बारे में बात करेंगे जो इस बार लोगों के बीच में नहीं होंगे। जी हां सबसे पहले बात करते हैं लालू प्रसाद यादव की।
2015 का चुनाव टर्निंग प्वाइंट
लालू प्रसाद यादव के लिए टर्निंग प्वाइंट 2015 का विधानसभा चुनाव था। वैधानिक तौर पर वो चुनाव में किस्मत नहीं आजमा सकते थे। लेकिन सियासी चाल के जरिए वो जमीन तैयार की जो उनके बेटों के लिए मुफीद बैठती थी। जंगलराज के नाम का हवाला देकर नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव से हाथ ना मिलाने की कसम खाई थी। लेकिन 2014 के आम चुनाव में केंद्र में बीजेपी की प्रचंड जीत के बाद नीतीश कुमार को भी अपने रुख में बदलाव लाना पड़ा। लालू के नेतृत्व में जेडीयू और आरजेडी का गठबंधन कामयाब रहा। उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव और बड़े बेटे तेज प्रताप यादव नीतीश मंत्रिमंडल के हिस्सा बने।
बिना सरकार में रहते दी दखल
लालू प्रसाद यादव सरकार का हिस्सा न होते हुए भी बेटों के जरिए सरकार में दखल देनी शुरू कर दी थी और यह सब नीतीश कुमार को रास नहीं आ रहा था। नीतीश कुमार अपनी पीड़ा व्यक्त किया करते थे। लेकिन लालू प्रसाद यादव का नाम जुबां पर लाने से बचते रहे। यह बात अलग है कि सियासी संबंधों में खटास इतना ज्यादा बढ़ा कि नीतीश ने लालू का साथ छोड़ दिया। 2015 के चुनाव में तेजस्वी और तेज प्रताप मैदान में थे लेकिन सारथ की भूमिका में वो खड़े रहे। लेकिन इस दफा लालू प्रसाद यादव जेल में हैं और उनके बेटे बिना छत्रछाया चुनावी मैदान में हैं।
आईसीयू में भर्ती हैं रामविलास पासवान
इसके साथ ही अब हम बात करेंगे एक और बड़े चेहरे रामविलास पासवान की। रामविलास पासवान के बारे में कहा जाता है कि वो राजनीति के मौसम वैज्ञानिक हैं। वो राजनीतिक हलचलों को करीब से समझने वाले माने जाते रहे हैं। रामविलास पासवान ने अपने बेटे को राजनीति की ए बी सी को समझाया और उसका असर भी दिखाई दिया। चिराग पासवान सांसद होते हुए अपनी पार्टी को एक ऊंचाई पर ले जाना चाहते हैं। लेकिन उनकी राह इतनी आसान नहीं। एक पिता और राजनीतिक गुरु यानि की रामविलास पासवान अस्पताल में भर्ती हैं। ऐसे में विधानसभा का चुनाव चिराग पासवान के लिए भी तेजस्वी और तेजप्रताप जितना ही महत्वपूर्ण है।