- लालू प्रसाद यादव ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास का मजाक उड़ाया।
- पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और कांग्रेस की सीनियर नेता मीरा कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई।
- उन्होंने कहा कि लालू जी ने बिहार और देश के दलित समुदाय के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है।
राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव के बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा के इस्तेमाल पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष और कांग्रेस की सीनियर नेता मीरा कुमार ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि एक सम्मानित नेता ने बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया है, बिहार और देश के दलित समुदाय के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है और एससी/एसटी एक्ट के तहत अपराध योग्य है।
गौर हो कि लालू से जब पूछा गया कि विधानसभा की 2 सीटों पर हो रहे उपचुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस को 1 सीट नहीं दे रही है तो ऐसे में क्या इसे एक तरह से गठबंधन में टूट के तौर पर देखा जाए, उन्होंने पलटकर पूछा, क्या होता है कांग्रेस का गठबंधन? उन्होंने कहा कि क्या हमें एक सीट (कांग्रेस को) हारने के लिए देनी चाहिए? जिससे वह अपनी जमानत भी गंवा सके? उन्होंने कांग्रेस नेता भक्त चरण दास का भी मजाक उड़ाया जो पार्टी के बिहार प्रभारी हैं और आरजेडी पर निशाना साधते रहे हैं। दास ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस अब राज्य में आरजेडी के नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा नहीं है। दास के इन आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कि कांग्रेस को पीठ दिखाकर आरजेडी, भारतीय जनता पार्टी की मदद कर रही हैं, इस पर उन्होंने कहा कि भक्त चरण 'भक्तचोनहर' हैं।
आजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस में आरएसएस के कुछ लोग लोकतंत्र को बचाने के लिए लालू प्रसाद, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं। बिहार कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास की टिप्पणी से पता चलता है कि वह बीजेपी और एनडीए के 'भक्त' हैं। कांग्रेस ऐसे नेताओं को निकाल दे।
बिहार के कांग्रेस प्रभारी भक्त चरण दास के खिलाफ लालू प्रसाद की आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर रविवार को नीतीश सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने भी उनकी कड़ी आलोचना की और उन्हें दलित-विरोधी बताया। चौधरी, राबड़ी देवी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। दलित नेता चौधरी ने कहा कि आरजेडी हमेशा दलित विरोधी रहा है। लालू ने भक्त चरण दास के खिलाफ जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है, उससे यह जाहिर होता है। हाल में तेजस्वी यादव उस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए थे जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शामिल थे। यह भी दिखाता है कि पार्टी दलितों का सम्मान नहीं करती।
कुशेश्वर स्थान से अपने उम्मीदवार को मैदान में उतारने के आरजेडी के फैसले ने कांग्रेस को नाराज कर दिया है। कांग्रेस ने 2020 में इस सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा था।