- चिराग का कहना है कि अपने पिता के निधन के बाद नीतीश कुमार के व्यवहार से वह आहत हैं
- अब तेजस्वी यादव ने कहा कि नीतीश कुमार ने लोजपा नेता के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया
- बिहार में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ रही है लोजपा, जद-यू के खिलाफ उतारे हैं उम्मीदवार
पटना (बिहार) : बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव प्रचार जोरों पर है। सभी राजनीतिक दलों की नजर एक दूसरे के वोट बैंक में सेंध लगाने की है। सियासी गलियारों में अटकलें हैं कि राम विलास पासवान के निधन के बाद लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को लोगों की खासकर दलित समुदाय की सहानुभूति मिल सकती है। इस चुनाव में लोजपा उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन भी कर सकती है। राजनीति में कोई भी किसी की 'स्थायी दुश्मन' नहीं होता। समय और मौके को देखते हुए राजनीतिक समीकरण बन जाते हैं।
तेजस्वी ने चली सियासी चाल
तेजस्वी यादव इस बात को जानते हैं, इसलिए वह चिराग पासवान के लिए महागठबंधन के दरवाजे खुले रखना चाहते हैं ताकि चुनाव बाद यदि महागठबंधन को सरकार बनाने के लिए जरूरत पड़े तो वह लोजपा से संपर्क स्थापित कर सकें। इसीलिए उन्होंने सोमवार को दिवंगत राम विलास पासवान के सहारे नीतीश कुमार पर निशाना साधा। तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार ने चिराग के साथ अच्छा नहीं किया। नीतीज जी का व्यवहार अन्यायपूर्ण है।' तेजस्वी ने कहा, 'नीतीश कुमार जी ने चिराग पासवान के साथ जो किया है, वह ठीक नहीं है। आज चिराग को राम विलास पासवान की सबसे ज्यादा जरूरत है लेकिन वह उनके बीच नहीं है। हमें इस बात का दुख है। नीतीश कुमार ने चिराग के साथ अन्याय किया है।'
नीतीश की उपलब्धि पर बहस को तैयार-तेजस्वी
साथ ही राजद नेता ने कहा कि वह नीतीश कुमार की पिछले 15 सालों की किसी उपलब्धि पर बहस करने के लिए तैयार हैं। राजद नेता ने कहा, 'मैं नीतीश कुमार से अनुरोध करता हूं कि वह 15 साल की अपनी किसी भी उपलब्धि पर बहस के लिए आगे आएं। हम उनकी उपलब्धि पर बहस करते हुए एक नई पद्धति की शुरुआत कर सकते हैं। लोग इस सरकार से परेशान हैं। महागठबंधन सत्ता में आ रहा है।'
एनडीए और महागठबंधन के बीच मुख्य मुकाबला
बता दें कि बिहार में इस बार मुख्य मुकाबला महागठबंधन और एनडीए के बीच है। महागठबंधन की ओर से तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। राज्य में इस बार तीन चरणों में चुनाव हो रहा है। एनडीए से लोजपा के अलग होकर चुनाव लड़ने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है। लोजपा ने 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार खड़े किए हैं।
चिराग पासवान ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया है। साथ ही लोजपा ने जदयू उम्मीदवारों के खिलाफ अपने प्रत्याशी खड़े किए हैं। लोजपा ने भाजपा के बागी नेताओं को टिकट दिया है। कुछ सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों के खिलाफ भी लोजपा उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।