- पटना डीएम चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम को जारी किया नोटिस
- टीईटी अभ्यर्थी पर हुए लाठीचार्ज मामले में एडीएम लॉ एंड ऑर्डर दोषी
- इस दौरान किया गया तिरंगे का अपमान, दर्ज हो सकता है केस
ADM Guilty in Lathi Charge case: बिहार की राजधानी पटना के डाक बंगला चौराहे पर 22 अगस्त को टीईटी अभ्यर्थी को बेरहमी से पीटने और लाठी भांजने के मामले में आखिरकार एडीएम लॉ एंड ऑर्डर दोषी पाए गए हैं। जांच कमेटी ने इस मामले की रिपोर्ट जिलाधिकारी को रिपोर्ट सौंप दी है। इसके बाद पटना के जिलाधिकारी डॉ चंद्रशेखर सिंह ने एडीएम केके सिंह को शो कॉज नोटिस जारी किया है और जवाब मांगा है। नोटिस का जवाब देने के लिए एक हफ्ते का समय दिया गया है।
आपको बता दें कि जांच कमेटी ने सभी बिंदुओं पर जांच की है। डाक बंगला चौराहा पर लगे सीसीटीवी फुटेज और पुलिस अधिकारियों के बयान के बाद एडीएम केके सिंह ने जरूरत से ज्यादा बल इस्तेमाल किया। इस दौरान उन्होंने तिरंगे का भी अपमान किया। जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार एडीएम को टीईटी अभ्यर्थी की पिटाई नहीं करनी थी, जब टीईटी अभ्यर्थी हाथ में तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहा था तो उसे गिरफ्तार करना चाहिए था। जांच कमेटी ने एडीएम की पूरी कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं और अपनी रिपोर्ट में उन्हें दोषी माना है।
एडीएम ने की थी दरभंगा के युवक की पिटाई
आपको बता दें कि 22 अगस्त को सातवें चरण की प्रारंभिक स्कूलों में शिक्षक बहाली के विज्ञापन जारी करने की मांग को लेकर राज्य भर के टीईटी अभ्यर्थी डाक बंगला चौराहा पर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान वहां मौजूद एडीएम केके सिंह ने तिरंगा लिए एक छात्र की बेरहमी से पिटाई करनी शुरू कर दी। टीईटी अभ्यर्थी को बेरहमी से पीटने का वीडियो वायरल होना शुरू हो गया। वीडियो में एडीएम कृष्ण कन्हैया प्रसाद सिंह थे। पिटाई के दौरान अभ्यर्थी के हाथ में तिरंगा था, इस दौरान एडीएम ने तिरंगे का भी ख्याल नहीं किया। वो लगातार अभ्यर्थी पर लाठी भांजते रहे। पिटाई से अभ्यर्थी के कान से खून आने लगा था।
एडीएम ने झंडे को लेकर सतर्कता नहीं बरतीः रिपोर्ट
इसके बाद जमकर बवाल मचा। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने भी जिलाधिकारी से पूरे मामले पर जांच करने के निर्देश दिए। डीएम ने जांच कमेटी गठित की। जांच का जिम्मा डीडीसी पटना और एसपी सिटी को दिया था। जांच प्रतिवेदन के मुताबिक घटना के समय एडीएम ने झंडे को लेकर सतर्कता नहीं बरती थी। उन्होंने प्रदर्शन कर रहे उस अभ्यर्थी पर जरूरत से अधिक बल प्रयोग किया। पुलिस पदाधिकारी और जवानों के होने के बावजूद एडीएम द्वारा हाथ में ठंडा लेने का कोई स्पष्ट कारण प्रतीत नहीं हो रहा था। अभ्यर्थी को हिरासत में लिया जा सकता था लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब एडीएम पर बड़ी कार्रवाई हो सकती है। उनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की जा सकती है।