- दोनों साइबर ठग करते थे महीने में 5 करोड़ की ठगी
- पुलिस जांच में उगली ठगी की कहानी
- साथी अरेस्ट तो बदल जाता था गैंग का हर तरीका
Patna Cyber Fraud Case: राजधानी पटना के पत्रकार नगर से धरे गए साइबर ठग विकास चौधरी के पास से मिली बैंक की पास बुक ने चौंकाने वाले राज उगले हैं। पुलिस को 9 पासबुक के 250 पेजों में लाखों के लेनदेन की जानकारी मिली है। ठगी के मामलों से ऐंठी गई रकम में से आरोपी के एक साल के कमीशन के बारे में जान खुद पुलिस दंग रह गई। यह रकम करीब 67 लाख रुपए है। आरोपी विकास के तार भी तेलंगाना पुलिस के हत्थे चढ़े शातिर ठग आकाश कुमार की गैंग से जुड़े है। पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि, पटना के चार थाना क्षेत्रों में साइबर ठग एक्टिव रहे हैं। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने बताया कि, ठगी की रकम में से मिले लाखों के कमीशन से वह लग्जरी लाइफ जीता था।
पुलिस ने बताया कि, आरोपी विकास ठगी की रकम दूसरे एजेंटों के जरिए बैंक अकाउंट्स से विड्रॉल करने के बाद एक-एक पाई का हिसाब मेंटेन करता था। अपनी गैंग के लोगों को कुछ प्रतिशत कमीशन देने के बाद गैंग संचालक व अपना मोटा हिस्सा रखते थे। आकाश की तरह विकास भी ठगी की रकम एजेंट के जरिए खाते से निकलवाता था और उन सब का बाकायदा हिसाब रखता था। बाकी सभी को 15 से 20 प्रतिशत कमीशन देता था, जबकि सरगना और विकास कमीशन में मोटी रकम लेते थे। विकास ने पुलिस को अपने नालंदा निवासी गैंग लीडर का नाम भी बताया है। विकास ने बताया कि, किसान परिवार से जुड़ा उसकी गैंग का लीडर मंहगी कारें, आलीशान घर व ज्वेलरी खरीदता है। जबकि वह फ्लाइट से एक से दूसरे शहरों में घूमता है। महंगी होटलों में ठहरता है।
महीने में 5 करोड़ की ठगी
पटना पुलिस के आला अधिकारियों ने बताया कि, पिछले एक सप्ताह में पत्रकार नगर पुलिस के हत्थे चढ़े दो साबइर ठगों आकाश और विकास ने कई राज उगले हैं। जहां आकाश के पास से पुलिस ने 33 लाख नकद, डायमंड नेकलेस सहित डायमंड रिंग बरामद की है। वहीं उसने पुलिस पूछताछ में अपनी करतूतें बताई है। जिसमें उसने हर महीने करीब 2 करोड़ की ठगी करने की बात स्वीकार की है। इधर, विकास से पुलिस ने ढाई लाख नकद बरामद किए हैं व उसके बैंक अकाउंट से 67 लाख के लेनदेन के हिसाब का पता लगाया है। विकास ने पुलिस को अपने गिरोह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि, लोगों को ठगी का शिकार बनाकर 2 से 3 करोड़ की ठगी करते हैं।
गैंग मेंबर अरेस्ट, फिर बदल जाती है योजना
पटना पुलिस के मुताबिक साइबर ठगी में लिप्त आरोपी अपनी गैंग के सदस्य के अरेस्ट होने के बाद अपने ठिकाने बदल लेते हैं। जिन बैंकों से ट्रांजेक्शन करते हैं, उनके अकाउंट फ्रिज कर देते हैं, एटीएम का इस्तेमाल नहीं करते। मोबाइल व सिमकार्ड नष्ट कर देते हैं। महकमे के आला अधिकारियों ने बताया कि, पटना की पत्रकार नगर पुलिस पिछले दो साल में आधा दर्जन से अधिक साइबर ठगों को पकड़ चुकी है। जिनके पास से दो दर्जन से अधिक बैंक पासबुक, 70 से अधिक बैंकों के एटीएम कार्ड, 50 लाख के करीब नकद बरामद कर चुकी है। पुलिस के शिकजें में आए अधिकतर बदमाश बिहार के नालंदा और नवादा इलाकों के रहने वाले थे। पकड़े गए अपराधियों से पूछताछ के बाद कई अन्य शातिर लोगों के नाम तो उजागर हुए मगर ठिकानों का सही पता नहीं चल पाने के चलते वे अभी पुलिस के हाथों से दूर हैं।